मसाजिद कमेटी का फैसला: शादी में अगर डीजे-ढोल नगाड़े बजाए तो काज़ी नहीं पढ़ेंगे निकाह

sadbhawnapaati
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शहर काज़ी और अन्य काज़ी से कहा गया है कि, मानव स्वास्थ्य की रक्षा के लिए भीड़ दिखाई देने पर वे निकाह न पढ़ाएं.निकाह में शामिल होने वालों को वज़ू भी घर से करके आना होगा.

 
भोपाल. कोरोना और फिजूलखर्ची रोकने के लिए भोपाल में मुस्लिम समाज ने बड़ा फैसला किया है.मसाजिद कमेटी ने शादियों  में ढोल-नगाड़े, आतिशबाज़ी, डीजे और पटाखों पर पाबंदी लगा दी गयी है. बैठक में तय किया गया है कि जिस घर में धूमधाम से शादी होगी वहां काज़ी निकाह नहीं पढ़ाएंगे.

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काजी शहर सैयद मुश्ताक अली ने बताया कि मसाजिद कमेटी ने यह तय किया है कि मुस्लिम शादियों में ढ़ोल नगाड़े, आतिशबाजी, डीजे, पटाखे चलाना, फिजूल खर्ची पर पाबंदी होगी. ऐसी शादियों में काजी शामिल नहीं होंगे औऱ न ही निकाह पढ़ेंगे.

मुस्लिम परिवारों से अपील

मसाजिद कमेटी ने बैठक में ये फैसला लेते हुए मुस्लिम परिवारों से अपील की है कि यदि इस तरीके की शादी कहीं होती है तो उस शादी में शिरकत ना करें. ऐसी शादी से बचें.कमेटी ने ऐसी शादियों में लोगों से शामिल नहीं होने की अपील की है.ये फैसला मसाजिद कमेटी के क्षेत्र में आने वाले परिवारों पर लागू होगा.

कोरोना के समय भी जारी की थी गाइडलाइन
 
कोरोना के दौरान भी मसाजिद कमेटी ने एक गाइडलाइन जारी की थी. वो गाइडलाइन शादी को लेकर थी जिसमें कहा गया था कि दोनों पक्षों के 20-20 लोग ही आयोजन में शामिल हो सकेंगे.
एक दिन में एक मस्जिद में तीन से ज़्यादा शादी नहीं

मसाजिद कमेटी ने ये भी फैसला किया कि ताजुल मसाजिद सहित शहर की सभी बड़ी मस्जिदों में एक दिन में तीन से ज्यादा निकाह की अनुमति नहीं होगी. शहर काज़ी और अन्य काज़ी से कहा गया है कि, मानव स्वास्थ्य की रक्षा के लिए भीड़ दिखाई देने पर वे निकाह न पढ़ाएं.निकाह में शामिल होने वालों को वज़ू भी घर से करके आना होगा. मस्जिद में वज़ू की कोई व्यवस्था नहीं रहेगी.निकाह में हर एक व्यक्ति को मास्क पहनना अनिवार्य होगा.
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