MP News – चालबाजी से 500 शिक्षकों को नौकरी से निकालने की तैयारी, हाई कोर्ट से लाये थे स्टे

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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Mp News. मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने हाईकोर्ट के आदेशों का पालन न करने की परंपरा शुरू कर दी। उच्च न्यायालय से मिले स्थगन आदेश के आधार पर नौकरी कर रहे 500 व्यावसायिक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का नया तरीका खोज लिया है। इस तरीके से आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश पर नेगेटिव असर पड़ेगा लेकिन इसकी परवाह किसी को नहीं है।

मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग में अब पढ़ाई नहीं, पॉलिटिक्स होती है। राजधानी के अफसर शिक्षकों पर दबाव बनाने की नई-नई योजनाएं बनाते रहते हैं और स्कूलों के शिक्षक संगठन ज्यादा वेतन कम से कम काम की पॉलिसी के तहत राजनीति करते हैं। वोकेशनल टीचर्स के मामले में ऐसा ही कुछ हुआ है।
आउटसोर्सिंग एजेंसी को फायदा पहुंचाने के लिए व्यावसायिक शिक्षकों की बिना किसी कारण के सेवाएं समाप्त कर दी गई थी। इस कार्रवाई के खिलाफ शिक्षक हाई कोर्ट चले गए। उच्च न्यायालय ने याचिका को सुनवाई के योग्य समझा और फैसला होने तक सेवाएं समाप्ति वाले आदेश को स्थगित कर दिया। डिपार्टमेंट ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए सभी शिक्षकों को सेवा में वापस तो ले लिया लेकिन इसके साथ एक खतरनाक साजिश रची गई।
बैंकिंग एंड फाइनेंस, फिजिकल एजुकेशन और ट्रैवल एंड टूरिज्म ट्रेड में एडमिशन बंद कर दिए। इस साल परीक्षा के बाद मध्य प्रदेश के किसी भी स्कूल में उपरोक्त 3 कोर्स में पढ़ने के लिए एक भी विद्यार्थी नहीं होगा। ऐसी स्थिति में शिक्षकों की सेवाएं आसानी से समाप्त कर दी जाएगी। हाई कोर्ट में दलील दी जाएगी की विद्यार्थी ही नहीं है इसलिए शिक्षकों की आवश्यकता समाप्त हो गई है।
सभी शिक्षकों की नियुक्ति राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत की गई। पिछले 3 साल से तीनों कोर्स में एडमिशन बंद है लेकिन व्यावसायिक प्रशिक्षक संघ ने एडमिशन के लिए कोई अभियान नहीं चलाया। अब जब नौकरी खतरे में पड़ गई तब बयानबाजी शुरू की जा रही है।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।