5 दिन में जांच का था दावा, 11 दिन बीत चुके; कांग्रेस चुप नहीं बैठेंगी
MP News in Hindi। धार जिले के कारम डैम की जांच पर पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने शिवराज सरकार से पूछा कि पांच दिन में जांच का दावा था, लेकिन 11 दिन बीत चुके हैं। जांच रिपोर्ट कहां है? कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी। जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होगी जाती, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
कमलनाथ कारम डैम का निरीक्षण भी कर चुके हैं। साथ ही पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह समेत कई कांग्रेस नेताओं ने डैम के बहाने शिवराज सरकार को घेरा है। सरकार ने एक जांच कमेटी बनाई थी। इसी कमेटी पर कमलनाथ ने सवाल उठाए हैं। शुक्रवार को उन्होंने एक के बाद एक चार ट्वीट किए।
लिखा– मध्यप्रदेश के धार जिले के कारम डैम क्षतिग्रस्त मामले में 15 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक किसी भी दोषी पर कोई कार्रवाई नहीं…? शिवराज सरकार ने चार सदस्यीय जांच समिति बनाकर पांच दिन में इसकी जांच कर कार्रवाई करने का दावा किया था, लेकिन 11 दिन हो चले हैं।
जांच रिपोर्ट कहां है, किसके पास है, अभी तक उसका ही पता नहीं और अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। बड़ा ही शर्मनाक है कि 304 करोड़ रुपए इस बांध के निर्माण के नाम पर बर्बाद कर दिए गए और अब जिम्मेदार दोषियों को बचाने के लिए इसे तालाब बताने में लग गए गए हैं। कांग्रेस इस भ्रष्टाचार पर चुप नहीं बैठेगी। जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं हो जाती, हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
यह है कारम डैम मामला: बांध में रिसाव शुरू हुआ, फिर दीवार तोड़नी पड़ी
कोठिदा गांव में कारम नदी पर 304 करोड़ रुपए की लागत से डैम का निर्माण किया जा रहा है। यह बांध करीब-करीब बनकर तैयार हो चुका था। 10 अगस्त को बांध में लीकेज की खबर आई। इसके बाद हड़कंप मच गया। प्रशासन ने धार जिले के 12 और खरगोन जिले के 6 गांवों को खाली करवाने के निर्देश दिए।
14 अगस्त को बांध की एक साइड की दीवार को काटा गया, पानी ने धीरे-धीरे रास्ता बनाया, जिस कारण दीवार का बड़ा हिस्सा ढह गया। बांध का पानी कारम नदी से होते हुए नर्मदा में जाकर मिल गया। इस दौरान कुछ गांवों में नुकसानी हुई।
पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी डैम का सर्वे किया था। साथ ही कांग्रेस ने भी अपना जांच दल बनाया था, जिसने कमलनाथ को रिपोर्ट सौंप दी। सरकार की रिपोर्ट पर कमलनाथ ने सवाल उठाए हैं।
पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी डैम का सर्वे किया था। साथ ही कांग्रेस ने भी अपना जांच दल बनाया था, जिसने कमलनाथ को रिपोर्ट सौंप दी। सरकार की रिपोर्ट पर कमलनाथ ने सवाल उठाए हैं।
4 साल पहले बांध का शिलान्यास हुआ था
कोठिदा गांव में कारम मध्यम सिंचाई परियोजना का शिलान्यास एवं भूमिपूजन चार साल पहले जिले के तत्कालीन प्रभारी मंत्री अंतर सिंह आर्य ने किया था। डैम का निर्माण दिल्ली की कंपनी एएनएस कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. कर रही है। हालांकि, सरकार ने एक्शन लेते हुए ANS कंस्ट्रक्शन और सारथी कंस्ट्रक्शन को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है।
साथ ही, दोनों कंपनियों को नोटिस भी भेजा गया है। बता दें कि डैम का जल संग्रहण क्षेत्र 183.83 वर्ग किमी का होकर बांध की लंबाई 564 मीटर होकर चौड़ाई 6 मीटर है। जल भरण क्षमता 43.98 मीट्रिक घन मीटर रखी जाना है, लेकिन डैम में लीकेज होने के बाद दीवार को काटकर पानी बहाया गया था।
कांग्रेस और सरकार ने अपनी-अपनी बनाई जांच समिति
कांग्रेस की तरफ से आठ सदस्यीय दल बनाया गया था। जिसमें धार जिलाध्यक्ष बालमुकुंद सिंह गौतम, गंधवानी विधायक उमंग सिंघार, कुक्षी विधायक सुरेंद्र सिंह हनी बघेल, इंदौर विधायक संजय शुक्ला, देपालपुर विधायक विशाल, सरदारपुर विधायक प्रताप ग्रेवाल, धरमपुरी विधायक पांचीलाल मेड़ा, मनावर विधायक हीरालाल अलावा को शामिल किया गया था। सभी सदस्य निरीक्षण कर डैम की स्थिति देख चुके हैं। बाद में टीम ने कमलनाथ को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी।
सरकार ने बनाई थी जांच कमेटी
इधर, सरकार की ओर से भी चार सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई थी। जिसे पांच दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपना था। कमेटी में जल संसाधन विभाग के अपर सचिव आशीष कुमार को अध्यक्ष बनाया गया, जबकि वैज्ञानिक डॉ. राहुल कुमार जायसवाल, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान भोपाल, दीपक सातपुते, मुख्य अभियंता, ब्यूरो ऑफ डिजाइन एंड हायडल जल संसाधन विभाग और अनिल सिंह, संचालक बांध सुरक्षा बोधी भोपाल टीम के सदस्य हैं।

