नरोत्तम ने जानवरों से की विपक्ष की तुलना – बोले-सियार, लोमड़ी, हिरण एक साथ दिखें तो समझो दूसरे घाट पर शेर है

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MP News in Hindi। लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए सभी विपक्षी दल एकजुट होने की कोशिशों में लगे हुए हैं। इसी सिलसिले में हाल ही में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने दिल्ली में कई नेताओं से मुलाकात की थी। विपक्षी दलों के नेताओं की हो रही इन बैठकों को लेकर जब मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से पूछा गया तो उन्होंने इन नेताओं की तुलना जानवरों से कर डाली।
भोपाल में अपने आवास पर मीडिया से चर्चा में गृहमंत्री मिश्रा ने कहा- जब सियार, हिरण, लोमड़ी इस तरह के जानवर एक घाट पर पानी पी रहे हों तो, यह मान लेना चाहिए दूसरे घाट पर शेर है। मोदी जी की सुनामी चल रही है। और यह सब जानते हैं कि वो उड़ जाएंगे। इसलिए एक दूसरे का हाथ पकड़ लो।

विपक्ष फूंके बल्ब की झालरों की तरह

नरोत्तम ने आगे कहा- विज्ञान का एक सिद्धांत है कि जब कोई एक फ्यूज सर्किट होता है तो वह दूसरे सर्किट को भी फ्यूज कर देता है। और इसलिए यह फूंके हुए बल्बों की जो झालरें हैं। यह रोशनी नहीं दे पाएंगे। यह देश समझता है। यह चुनाव के समय इकट्ठे हो जाते हैं और झूठे-सच्चे वादे करते हैं। फिर चुनाव के बाद सब भूल जाते हैं।
दिग्गी ने पूरी कांग्रेस उधेड़ दी.
भाजपा के 7 नेताओं के मुख्यमंत्री बनने के लिए सूट सिलवा कर रखने वाले दिग्विजय सिंह के बयान पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि उन्होंने पूरी कांग्रेस उधेड़ कर फेंक दी और हमारे सूटों की सिलाई पर ध्यान दे रहे हैं। कांग्रेस में दिग्विजय सिंह जैमर का काम कर रहे हैं। जो बचा खुचा नेटवर्क है उसको ध्वस्त करके मानेंगे। पिछले चार-पांच दिन से कमलनाथ जी, कमलनाथ जी कह रहे हैं। कमलनाथ जी को समझ जाना चाहिए कि उनके लिए खतरे की घंटी प्रारंभ हो गई है।
कांग्रेस का जवाब- नरोत्तम घबराए हुए हैं.
गृहमंत्री के बयान पर कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने जवाब देते हुए कहा- जिसके पास जो होता है वो उसी का वितरण करता है। वर्तमान हालातों में नरोत्तम जी घबराए हुए हैं। कांग्रेस के निशाने पर हैं। उस पीड़ा की अभिव्यक्ति वे ऐसे मुख शुद्धि अभियान के तहत कर देते हैं। विपक्ष की जो तुलना उन्होंने की है। मैं उनकी बौद्धिक क्षमताओं और विद्वता को प्रणाम करता हूं।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।