Natinal News – पीएम मोदी विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिये आज लॉन्च करेंगे डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन e-RUPI

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ई-वाउचर-आधारित डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन e-RUPI लॉन्च करेंगे। प्रधानमंत्री इसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लॉन्च करेंगे। e-RUPI के जरिए लाभार्थियों को मिलने वाले फायदे बिना लीकेज उन तक पहुंच सकेंगे, यानी बीच में कोई बिचौलिया या मध्यस्थ नहीं होगा। इससे पूरी तरह नगदरहित और संपर्करहित भुगतान होगा। e-RUPI प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ताओं को कार्ड, डिजिटल भुगतान एप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बिना वाउचर को भुनाने की अनुमति देगा।

पीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा कि e-RUPI सरकार और लाभार्थी के लिए पिछले कई सालों में शुरू किए गए कार्यक्रमों में से एक होगा। यह सुनिश्चित करेगा कि फायदा लीक प्रूफ तरीके से लाभार्थियों तक पहुंच सके। बयान में आगे कहा गया है कि ‘लीक-प्रूफ डिलिवरी को सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक क्रांतिकारी पहल होने की उम्मीद है। इसका इस्तेमाल मातृ एवं बाल कल्याण योजनाओं, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों के तहत दवाएं और पोषण संबंधी सहायता प्रदान करने के लिए योजनाओं के तहत सेवाएं देने के लिए भी किया जा सकता है।’

e-RUPI क्या है?

दरअसल e-RUPI डिजिटल पेमेंट्स के लिए एक कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस इंस्ट्रूमेंट है। यह क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग के आधार पर ई-वाउचर के रूप में काम करता है, जिसे लाभार्थियों के मोबाइल फोन पर पहुंचाया जाता है। इस वन टाइम पेमेंट मैकेनिज्म के यूजर्स, सर्विस प्रोवाइडर पर कार्ड, डिजिटल पेमेंट ऐप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस किए बिना वाउचर को रिडीम कर सकेंगे। यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस/यूपीआई एक रियल टाइम पेमेंट सिस्टम है, जो मोबाइल ऐप के माध्यम से बैंक अकाउंट में पैसे तुरंत ट्रांसफर कर सकता है। खास बात ये है कि ई-रुपी भी यूपीआई प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है लेकिन इसे रिडीम करने के लिए मोबाइल ऐप की जरूरत नहीं होगी।

इसे ई-रुपी प्लेटफॉर्म को नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने डेवलप किया है। इसे एनपीसीआई ने अपने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई (Unified Payments Interface) प्लेटफॉर्म पर वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से विकसित किया है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।