National News – राज कुंद्रा की सभी जरुरी बातें, व्हाट्सऐप से चल रहा था खेल, कब हुआ केस दर्ज, देखे.

sadbhawnapaati
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अश्लील फिल्म बनाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए कारोबारी राज कुंद्रा को लेकर इस मामले में नए खुलासे सामने आ रहे हैं। आरोप है कि कुंद्रा एक व्हाट्सऐप ग्रुप में शामिल थे, जिसमें अश्लील फिल्मों के कारोबार के बारे में बातचीत होती थी। एच अकाउंट के नाम से ये व्हाट्सग्रुप ग्रुप बनाया गया था। इसमें अश्लील फिल्मों के कारोबार के बारे में चर्चा होती थी। इसमें पांच लोग थे शामिल थे। राज इसमें मार्केटिंग, सेल्स से लेकर मॉडल्स के पेमेंट और रेवेन्यू कैसे बढ़ाया जाए इन सब चीजों को लेकर बातें करते थे। पुलिस के मुताबिक, इस पूरे मामले में राज कुंद्रा ही मुख्य आरोपी हैं।

व्हाट्सऐप ग्रुप के जरिए होती थी डील :
राज की गिरफ्तारी के बाद कुछ वॉट्सऐप चैट सामने आई हैं, जिनसे ये खुलासा हो रहा है कि राज ने अश्लील फिल्म बनाने के कारोबार से तगड़ी कमाई की है। वायरल वॉट्सऐप समूह का एडमिन राज हैं। इस ग्रुप पर राज अपने रिश्तेदार और पोर्न मूवी बनाने वाली कंपनी केनरिन प्रोडक्शन हाउस के चेयरमैन प्रदीप बक्शी से पैसे के लेन-देन और कंटेंट पोस्टिंग के बारे में चर्चा कर रहे हैं। पांच लोगों के इस ग्रुप में प्रदीप और राज के बीच बिजनेस में घटने-बढ़ने वाली कमाई, मार्केटिंग स्ट्रेटजी, सेल्स में बढ़ोतरी, पोर्न एक्ट्रेस को कमाई मिली या नहीं, इस बारे में खुलकर चर्चा होती थी।

पांच माह पहले दर्ज हुआ था मामला :
पोर्नोग्राफी के इस मामले में अब तक राज कुंद्रा सहित 11 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। चार लोगों को राज से पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था। गिरफ्तार लोगों के बयान के बाद राज कुंद्रा पर यह कार्रवाई की गई। मुंबई क्राइम ब्रांच ने फरवरी 2021 में अश्लील फिल्में बनाने और उन्हें अलग-अलग ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज करने का एक केस दर्ज किया था। केस दर्ज होने के बाद से ही पुलिस ने कई अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की थी।

काम की तलाश में आई लड़कियां रहती थीं निशाने पर :
पुलिस के मुताबिक, मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में काम की तलाश में आने वाली जरूरतमंद लड़कियों को बड़ी फिल्मों में रोल दिलाने के नाम पर फंसाया जाता था। हर हफ्ते फिल्म रिलीज की जाती थी। राज कुंद्रा ने पोर्न फिल्म इंडस्ट्री में 8 से 10 करोड़ रुपये का निवेश किया था। राज कुंद्रा और उनके ब्रिटेन में रह रहे भाई ने वहीं केनरिन नाम की एक कंपनी बनाई है। फिल्मों के वीडियो भारत में शूट किए गए थे और वी ट्रांसफर (ये एक फाइल ट्रांसफर सर्विस है) के जरिए उन्हें केनरिन को भेजा गया। ये कंपनी राज कुंद्रा ने ही बनाई और विदेश में रजिस्ट्रेशन करवाया ताकि भारत के साइबर लॉ से बच सकें।

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अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी से भी हो सकती है पूछताछ :
इस मामले में पुलिस अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी से भी पूछताछ कर सकती है, क्योंकि शिल्पा अधिकतर बिजनेस में पति राज कुंद्रा की पार्टनर हैं। माना जा रहा है कि मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच उन्हें हाजिर होने के लिए जल्द समन भेज सकती है।

बंगलों को किराए पर लेकर होती थी शूटिंग :
मुंबई के उपनगरों और कई इलाको में बंगले किराए पर लिए जाते थे, जहां अश्लील वीडियो फिल्में शूट की जाती हैं और बाद में उन फिल्मों को अश्लील साइटों और मोबाइल ऐप पर अपलोड किया जाता है। ये शातिर गिरोह जरूरतमंद लड़कियों को अपना शिकार बनाते हैं और इस तरह के वीडियो को पोर्न वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर अपलोड करके लाखों रुपये कमाते हैं।

अश्लील वीडियो बनाना अपराध
भारतीय कानून में दूसरों के अश्लील वीडियो बनाना, एमएमएस बनाना, ऐसी सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक रूप से दूसरों को भेजना या किसी की इच्छा के विरुद्ध अश्लील संदेश भेजना शामिल है। पोर्नोग्राफी को इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रकाशित या प्रसारित करना अवैध है। अश्लील सामग्री को देखना, पढ़ना या सुनना गैरकानूनी नहीं है। लेकिन चाइल्ड पोर्नोग्राफी को अवैध माना जाता है।

पांच साल की सजा संभव
इस मामले में आईटी एक्ट, 2009 की धारा 67 (ए) और आईपीसी की धारा 292, 293, 294, 500, 506 और 509 के तहत सजा का प्रावधान किया गया है। अपराध की गंभीरता के आधार पर पहले अपराध में पांच साल तक की जेल या 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। हालांकि, एक और अपराध के लिए कारावास को 7 साल तक बढ़ाया भी जा सकता है।

मिडिल ईस्ट के पोर्न माफिया की कॉल इंटरसेप्ट की
क्राइम ब्रांच की प्रॉपर्टी सेल ने मुंबई के एक अज्ञात शख्स और मिडिल ईस्ट के एक पोर्न माफिया के बीच कुछ कॉल एक्सचेंज को इंटरसेप्ट किया है। वह व्यक्ति अमेरिकी नागरिक है। कुछ लड़कियों के बयान भी दर्ज किए गए हैं। लड़कियों ने खुलासा किया है कि वे एक इंटरनेशनल पोर्नोग्राफी रैकेट के शिकंजे में थीं। उनके लोग लड़कियों को ब्लैकमेल कर जबरदस्ती उनसे फिल्मों में काम करवाते थे। फिल्मों में काम करने से पहले उनसे एक ब्लैंक स्टांप पेपर पर साइन कराए जाते थे।

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