National News. मध्य प्रदेश की सियासत में पिछले कुछ दिनों में ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह की सियासी अदावत खुलकर देखने को मिली है, जिसमें दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह भी एक्टिव रहे हैं, एक बार फिर जयवर्धन सिंह ने सिंधिया समर्थक मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेताओं को कांग्रेस में शामिल होने का ऑफर दिया है.
दरअसल, पूरा मामला ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्री प्रभुराम चौधरी के विधानसभा क्षेत्र सांची से जुड़ा हुआ है, पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह रविवार को सांची विधानसभा क्षेत्र के दीवानगंज में चल रहे कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय पोलिंग बूथ प्रबंधन आवासीय प्रशिक्षण कार्यशाला में हिस्सा लेने पहुंचे थे. जब जयवर्धन सिंह से रायसेन जिले में बीजेपी की अंतर्कलह पर सवाल किया गया तो उन्होंने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा और प्रभुराम चौधरी पर सौदा करने का आरोप लगाया.
कांग्रेस में शामिल हो बीजेपी के कार्यकर्ता
जयवर्धन सिंह ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी पर बीजेपी से सौदेबाजी का आरोप लगाते हुए कहा कि ”इस क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बहुत मेहनत करके जीत दिलाई थी, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रभुराम चौधरी ने कांग्रेसजनों की पिछले 20 सालों की मेहनत पर पानी फेर दिया है, जिससे बीजेपी के कार्यकर्ता भी दुखी है, इसलिए वह इन बीजेपी कार्यकर्ताओं को कांग्रेस में शामिल होने का आमंत्रण देते हैं.”
दरअसल, शनिवार को रायसेन जिले में बीजेपी की अंतर्कलह खुलकर सामने आज बीजेपी के जिला मुख्यालय स्थित कार्यालय में एक बैठक आयोजित होनी थी, जिसमें पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक रामपाल सिंह कार्यकर्ताओं की बैठक लेने पहुंचे थे, लेकिन बीजेपी के जिला अध्यक्ष ने बीजेपी के जिला कार्यालय की चाबी नहीं दी, जिससे बैठक आयोजित नहीं हो सकी. जिसके बाद बीजेपी के कुछ कार्यकर्ताओं ने मौके पर नारेबाजी की भी की थी. वहीं जयवर्धन सिंह के इस बयान से सांची विधानसभा क्षेत्र में सियासी हलचल शुरू हो गई है, क्योंकि उनके इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं
दरअसल, प्रभुराम चौधरी 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे, उन्हें कमलनाथ सरकार में मंत्री भी बनाया गया था. लेकिन सिंधिया के बीजेपी में जाने के बाद प्रभुराम चौधरी भी विधायक पद से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए. बाद में उन्होंने उपचुनाव में बीजेपी की तरफ से जीत दर्ज की थी, जबकि उन्हें शिवराज सरकार में मंत्री भी बनाया गया है.