National News – यूक्रेन-रूस युद्ध में भारतीय छात्र की मौत : रूसी बमबारी का निशाना बना स्टूडेंट

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
3 Min Read

National News. रूस और यूक्रेन की लड़ाई के बीच मंगलवार को एक भारतीय छात्र रूसी सैनिकों की गोली का शिकार हो गया। अब तक सैकड़ों बेगुनाह अपनी जान गवां चुके हैं। भारत की सरकार वहां पर फंसे हुए भारतीय छात्रों को निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा चला रही हैं इस सबके बावजूद अभी भी भारी संख्या में वहां भारतीय छात्र फंसे हुए हैं।

सरकार ने मंगलवार को पुष्टि की पूर्वी यूक्रेन के खार्किव शहर में गोलाबारी की चपेट में आने से एक भारतीय छात्र की मौत हो गई। छात्र की पहचान कर्नाटक के 20 वर्षीय नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर के रूप में हुई है। वह खार्किव में खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में चौथे वर्ष के मेडिकल छात्र था।

विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई सूचना के अनुसार मंगलवार को नवीन अपने लिए खाने का सामान खरीदने के लिए पास की दुकान पर लाइन में लगा हुआ था तभी उस पर अटैक हुआ, वो रूसी सेना की गोलियों का शिकार हुआ और उसकी मौत हो गई। बाद में उसके दोस्त को एक स्थानीय अधिकारी का फोन आया कि उसकी (नवीन) की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि नवीन पास की दुकान में खाने का सामान खरीदने के लिए लाइन में लगा हुआ था तभी उस पर अटैक हुआ।

नवीन के पिता शेखरप्‍पा ज्ञानगउदर से कर्नाटक के सीएम बोम्‍बई ने ये फोन पर वार्ता की और उन्‍हें सांत्वना दी। नवीन के परिवार को जब उसकी मौत की खबर सुनाई दी तो उन्होंने पूछा कि कैसे ये कह सकते हैं कि वहां मरने वाला छात्र उनका बेटा नवीन ही है। जिस पर मंत्रालय ने बताया कि वहां मौजूद नवीन के दोस्तों ने इसकी पुष्टि की है।

जवान बेटे की मौत की खबर सुनकर परिवार बेसुध सा हो गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दो दिन पहले ही वीडियो कॉल पर नवीन की उसके परिवार वालों से बात हुई थी। उसने परिवार वालों को कहा था कि वो बिलकुल ठीक है और जल्द ही घर वापस आएगा। नवीन के परिवार वाले अपने बेटे के वापस आने की राह तक रहे थे लेकिन अब तो उन्हें संदेह है कि उसके बेटे का मृत चेहरा भी उन्हें देखने को मिलेगा या नहीं ?

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।