National News – शाहीन बाग मामला खत्म: सुप्रीम कोर्ट ने विरोध प्रदर्शन संबंधी फैसले पर स्पष्टीकरण से किया इनकार, याचिका खारिज

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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National News. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सात अक्तूबर 2020 के शाहीन बाग मामले में फैसले पर स्पष्टीकरण मांगने वाली याचिका को खारिज कर दिया। उस फैसले में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ आयोजित शाहीन बाग विरोध-प्रदर्शन के संबंध में घोषित किया गया था कि सार्वजनिक सड़कों को अनिश्चित काल के लिए अवरुद्ध नहीं किया जा सकता है।

जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने सोमवार को यह कहते हुए आवेदन पर विचार करने से इनकार कर दिया कि फैसला अपने आप ही सब कुछ बोलता है। किसी स्पष्टीकरण की जरूरत नहीं है। इससे पहले सुनवाई के दौरान एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड मंसूर अली ने इस आधार पर सुनवाई को स्थगित करने की मांग की कि बहस करने वाले वकील अस्वस्थ हैं।

पीठ ने कहा कि निर्णय पहले ही पारित किया जा चुका है और दायर आवेदन विचारणीय नहीं है। पीठ ने कहा, ‘मुद्दा खत्म हो गया है। इसे क्यों सूचीबद्ध किया गया है? क्या स्पष्टीकरण मांगा गया है, हमें समझ में नहीं आ रहा है। किसी स्पष्टीकरण की आवश्यकता नहीं है। पूरा मुद्दा खत्म हो गया है। निर्णय को लेकर कोई स्पष्टीकरण नहीं किया जा सकता। निर्णय स्वयं सब कुछ बोलता है।’ यह कहते हुए पीठ ने आवेदन को खारिज कर दिया।

मालूम हो कि वकील अमित साहनी की याचिका पर शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि सार्वजनिक सड़कों और स्थानों पर अनिश्चितकाल तक विरोध प्रदर्शन के लिए कब्जा नहीं किया जा सकता है। इससे लोगों को असुविधा होती है और इस तरह के प्रदर्शनों को निर्धारित स्थान पर ही आयोजित किया जाना चाहिए।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।