National News – बारिश का आफतकाल – बारिश से पहाड़ों पर मचा हाहाकार, Delhi में टूटा 17 साल का रिकॉर्ड

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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देश में गरजता-बरसता आसमान शहर दर शहर कहर ढा रहा है. कुदरत के क्रोध से पहाड़ों पर लोग कांप उठे हैं. जगह-जगह हो रही लैंडस्लाइड हिमाचल प्रदेश की सूरत बिगाड़ दी है. फ्लैश फ्लड और लैंडस्लाइड की वजह से यहां 14 लोगों की मौत हो चुकी है. शुक्रवार सुबह नाहन में पांवटा-शिलाई के बीच नेशनल हाईवे (NH 707) पर लैंडस्लाइड की वजह से कई लोग मुसीबत में फंसे तो उन्होंने भागकर अपनी जान बचाई.

कुल्लू में मणिकर्ण के पास ब्रह्मगंगा में आई बाढ़ में बहे 4 लोगों की तलाश जारी है. जबकि लाहौल के तोज़िंग नाला में बह निकले तीन लोगों का अब तक पता नहीं चल पाया है. 27 जुलाई को अचानक बादल फटने के बाद लाहौल स्पीति में मची तबाही के निशान अब भी बाकी हैं. यहां तोजिंग नाला समेत 6 नालों में अचानक आई बाढ़ ने कहर बरपाया. सड़कें तबाह हो गईं और पुल बह गये. इसकी चपेट में कई लोग फंसे जिसमें 100 से अधिक पर्यटक भी शामिल थे. कई लोगों को बचाने की जंग अब भी जारी है.

इस सबसे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री कर रहे हैं. मुसीबत में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिशों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं. इस मुहिम के दौरान उदयपुर इलाके में फंसे करीब 150 पर्यटकों को अस्थाई पुल के जरिए बाहर निकाला गया. रेस्क्यू ऑपरेशन को हिमाचल प्रदेश पुलिस, होमगॉर्ड्स और फायर ब्रिगेड के जवानों ने अंजाम दिया.

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के नाहन में नेशनल हाइवे नंबर 707 जमींदोज हो चुका है. कुदरत के क्रोध से कश्मीर घाटी भी कांप उठी है. शुक्रवार को अचानक गांदरबल के नुनार इलाके में बादल फटने से लोगों की मुसीबत बढ़ गई.  राजधानी दिल्ली में बारिश ने पिछले 17 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. मौसम विभाग ने झालावाड़ और बारां के कुछ इलाकों लिए रेड अलर्ट जारी किया है जबकि जयपुर, अजमेर, टोंक, सवाई माधोपुर, भिलवाड़ा, बूंदी, कोटा और बारां के कुछ इलाके के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. इसी तरह मध्यप्रदेश में भी कई जगहों के लिए ऑरेंज अलर्ट है. आशंका है कि मध्यप्रदेश के 24 जिलों में कई जगहों पर भारी बारिश के साथ साथ. आसमानी बिजली भी गिर सकती है.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।