नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त: मानव तस्करी में आरोपी बोला 20 30 हजार में बच्ची बुक कर लो, वरना

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त मामले में एक रिकॉर्डिंग सामने आई है। इसमें बबलू और शिल्पा एक ग्राहक से कह रहे हैं कि बीस-तीस हजार रुपए देकर बच्ची को बुक कर लो, वरना किसी और को दे देंगे। कुछ दिन पहले डेढ़ लाख रुपए में एक बच्ची को बेचा था। वहीं पुलिस अभी तक यह पता नहीं कर पाई है कि बबलू जिस बच्ची का सौदा निःसंतान मां से कर रहा था, उसका नंबर उसके पास कहां से आया। रिकॉर्डिंग में पहले शिल्पा ग्राहक से कहती है कि जल्दी करो, वरना बच्ची कहीं और दी जा सकती है। इस पर ग्राहक (इसे पुलिस ने भेजा था) ने कहा कि अभी बच्ची लेने वाली को थोड़ी परेशानी है। दो दिन बाद रुपयों की व्यवस्था होगी।

इस पर शिल्पा बबलू से बात करने के लिए कहती है। इसके बाद ग्राहक बबलू से बात करता है। बबलू कहता है कि अकाउंट में कुछ तो एडवांस डालो, तभी बुक होगी। बबलू यह भी पूछता है कि कहीं आप लोग गलत तो नहीं हो। वह जानना चाहता था कि कहीं बच्ची के साथ कुछ गलत तो नहीं होगा। टीआई ज्योति शर्मा का कहना है कि ऐसा लग रहा है कि आरोपी बबलू कुछ छिपा रहा है। हम उसकी हर हिस्ट्री जांच रहे हैं। निःसंतान महिला का नंबर कहां से मिला, अब तक पुलिस नहीं कर पाई पता : अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि आरोपी बबलू के पास निःसंतान महिला का नंबर कहां से मिला। कोई कह रहा है कि फर्टिलिटी सेंटर से मिला तो कोई कह रहा है कि महिला ने कई संस्थाओं में बच्चा गोद लेने के लिए आवेदन दिया। वहां से नंबर मिला। यदि यह साफ हो जाए कि बबलू को नंबर कहां से मिला तो वहां भी पूछताछ हो सकती है। यह पता किया जा सकता है कि बबलू ने और कितनी महिलाओं को बच्चा बेचने के लिए संपर्क किया था।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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