नेहरू फिर कटघरे में अमित शाह बोले उनके चीन प्रेम के कारण हमारी हजारों हेक्टेयर भूमि हड़प ली गई

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
2 Min Read

नई दिल्ली। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अरुणाचल प्रदेश में सीमा पर चीन के सैनिकों के साथ टकराव को लेकर संसद में विपक्ष के हंगामे पर कांग्रेस की तीखी आलोचना कर कहा कि नेहरू जी के चीन प्रेम के कारण भारत की सुरक्षा परिषद में सदस्यता बलि चढ़ी थी और 1962 में चीन ने हमारी हजारों हेक्टेयर भूमि हड़प ली।
श्री शाह ने संसद के दोनों सदनों में हंगामा किए जाने की निंदा करते हुए विपक्ष पर नाराजगी व्यक्त करते की। उन्होंने कहा लोकसभा में मंगलवार को विपक्ष ने प्रश्नकाल नहीं चलने दिया। मैं इस कृत्य की निंदा करता हूं।
श्री शाह ने कहा कि कांग्रेस जवाब दे कि वर्ष 2005-07 के बीच राजीव गाँधी फाउंडेशन ने चीनी दूतावास से जो एक करोड़ 35 लाख रुपये प्राप्त किए उनसे क्या किया।
उन्होंने कहा कि यह विदेशी चंदा विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के अनुसार उचित नहीं था इसलिए गृह मंत्रालय ने कानूनी प्रक्रिया का पालन कर उस फाउंडेशन का पंजीकरण रद्द किया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश को बताए कि राजीव गाँधी चैरिटेबल ट्रस्ट ने जाकिर नाइक की संस्था से बिना अनुमति के एफसीआरए खाते में जुलाई 2011 को 50 लाख रुपये क्यों लिए।
गृह मंत्री ने कहा कि 1962 में भारत की हजारों हेक्टेयर भूमि चीन ने हड़प ली। वर्ष 2006 में भारत में चीन के दूतावास ने पूरे अरुणाचल और नेफा पर दावा कर दिया था। श्री शाह ने कहा अब देश में मोदी सरकार है हमारी एक इंच भूमि भी कोई नहीं ले सकता।
गौरतलब है कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग में नौ दिसंबर को भारतीय सीमा की ओर आने वाले चीन के सैनिकों के साथ भारत की सैन्य टुकड़ियों के साथ झड़प के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा कराने की मांग को लेकर आज कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों के हंगामे के कारण लोकसभा और राज्य सभा की कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी थी।

 

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।