शहर में एटीएम फ्रॉड का नया तरीका, उधर पुलिस का नया प्रयोग बदमाशों को पकड़ने एसआई और टीआई घूमेंगे आम आदमी की तरह.

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इंदौर. बदमाशों द्वारा एटीएम में वारदात का अनोखा मामला सामने आया है। एटीएम में घुसे दो बदमाशों ने एटीएम कार्ड लगाकर पहले दस हजार रुपए निकाले। जैसे ही मशीन ने पैसे दिए तो बदमाशों ने उसमें अंगुली डाली, जिससे कैश निकालने वाला सेक्शन चोक होकर वहीं रुक गया। बदमाशों ने फिर एटीएम लगाया और 10 हजार निकाले। ऐसा उन्होंने 21 बार किया और 2.10 लाख रुपए निकाल लिए। इस दौरान मशीन एरर बताती रही और बदमाश लगातार पैसा निकालते रहे। ऐसी घटना शहर में तीन जगह होने की बात सामने आई है। मालूम हो, एटीएम कार्ड की लिमिट हिसाब से 24 घंटे के भीतर के 40 हजार रुपए से ज्यादा नहीं निकलना चाहिए। राजेंद्र नगर टीआई अमृता सोलंकी के अनुसार स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की केसर बाग ब्रांच के प्रबंधक ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया है। उन्होंने बताया कि उनकी शाखा के सीडीएम में मंगलवार सुबह 6.18 बजे से 7.21 बजे के बीच 2.10 लाख रुपए निकाले गए है। केश डिपॉजिट मशीन से पैसे निकाल भी सकते हैं और जमा भी कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी शाखा के कैश रिसाइकल में एटीएम कार्ड लगाकर दो बदमाशों ने पहले 10 हजार रुपए निकाले। फिर आरोपियों ने अंगुली डालकर कैश सेक्शन को रोक दिया और बार-बार ट्रांजैक्शन कर 2 लाख 10 हजार रुपए निकाल लिए।  पुलिस अफसरों को शंका है कि इस गैंग ने देश के कई हिस्सों में इस तरह की वारदात को अंजाम दिया है।

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और इधर इंदौर पुलिस चेन लुटेरों को पकड़ने के लिए अब आम आदमी बनकर मॉर्निंग वॉक वाले स्थानों पर घूमेगी। ड्रेस के बजाय ट्रैक सूट में लुटेरों पर नजर रखेगी। पूर्वी क्षेत्र के एसपी ने निर्देश जारी किए कि जितने भी अफसर, टीआई प्रभात गश्त में सादी वदों में रहेंगे तो लुटेरे पकड़े जा सकते हैं, क्योंकि चेन लूट की ज्यादातर वारदातें मॉनिंग बैंक के दौरान हुई हैं। वहीं इंदौर के अनलॉक होते ही ट्रैफिक के बढ़ते दबाव पर नियंत्रण के लिए पुलिस 19 पॉइंट पर शाम 5.30 से रात 8.30 तक तैनात रहेगी। चेन लुटेरों को पकड़ने के लिए पूर्वी एसपी ने यह प्लान बनाया है। इसके तहत टीआई, सब इंस्पेक्टर आदि अफसर कभी-कभी ट्रैक सूट पहनकर ऐसे स्थानों पर ज्यादा नजर रखेंगे, जहां ज्यादातर महिलाएं और बुजुर्ग मॉर्निंग वॉक करने आते इसके लिए एसपी ने कुछ स्पॉट्स भी चिह्नित किए हैं, जहां अधिकांश वारदातें हुई हैं। इनमें कनाड़िया में दो, एमआईजी में एक, द्वारकापुरी, लसुडिया में भी एक-एक लूट हुई है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।