सांवेर रोड क्षेत्र में नगर निगम फैक्टरियों का गंदा पानी साफ करने के लिए ईटीपी प्लांट लगाएगा। करीब छह माह में बनकर तैयार होने वाले इस प्रोजेक्ट को बनाने में करीब डेढ़ करोड़ से ज्यादा की लागत बताई जा रही है। निगम ने इसके लिए टेंडर जारी किए हैं। निगमायुक्त के अनुसार पाल निगम जो प्लांट बनाया जा रहा है, उसका उद्देश्य उद्योग से केमिकलयुक्त गंदे पानी को साफ करना है। सभी उद्योगों से निकले वाले गंदे पानी को एक साथ लाकर पानी को साफ किया जाएगा। इंदौर उन बहुत कम शहरों में से एक है जो गंदे पानी को ट्रीट कर छोड़ रहा है।
नगर निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल के अनुसार सांवेर रोड क्षेत्र में चार एमएलडी की क्षमता वाला ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है और अब वहां फैक्ट्रियों से आने वाला गंदा पानी साफ करने के लिए विशेष प्रकार का ईटीवी प्लांट लगाया जा रहा है। इसके लिए निगम द्वारा टेंडर जारी कर दिए गए हैं, जिसकी अनुमानित लागत करीब डेढ़ करोड़ बताई जा रही है। निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि यह प्लांट 6 माह में पूरा होने की संभावना है, जिसके बाद फैक्ट्रियों का गंदा पानी भी पूरी तरह साफ किया जा सकेगा और उसका उपयोग बगीचे से लेकर विभिन्न कार्यों के उपयोग में किया जा सकेगा। हालांकि इस प्रकार का प्लांट निगम द्वारा बनाए जा रहे करीब 8 से ज्यादा एसटीपी में कहीं भी नहीं लगाया गया है। सांवेर रोड क्षेत्र में बड़ी संख्या में फैक्ट्रियों का गंदा पानी आता है और उसके निराकरण के लिए ही यह प्लांट लगाने पर कई दिनों के मंथन के बाद निर्णय हुआ है। पाल के अनुसार शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में निगम द्वारा ड्रेनेज का गंदा पानी साफ कर नदी में छोड़ने के साथ बगीचों के उपयोग के लिए कई जगह ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाए गए हैं। इनमें कबीटखेड़ी और कुछ अन्य स्थानों पर ट्रीटमेंट प्लांट भी शुरू किए जा चुके हैं। आजाद नगर, राधास्वामी सहित कई जगहों पर प्लांट का जल्दी कारी चालू हो जाएंगे।
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