अयोध्या. घर परिवार में एक दूसरे से, मांगलिक कार्यक्रम में रिश्तेदारों व मित्रों से सिंधी मे ही बात करे ताकि भाषा कायम रहे देश में सिंधी भाषा साहित्य, संस्कृति, लोककलाए व तीज त्योहार जिंदा रहे सिंधियत को बचाने के लिए पिछले कई वर्षों से देश के सभी राज्यों में ऑनलाइन चर्चा व शहरों का भ्रमण कर बैठक,सेमिनार और सभाएं आयोजित कर उत्तर प्रदेश सिंधी युवा समाज के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश ओमी कार्य कर रहे है |
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छतीसगढ़ प्रांत के शहर रायपुर की राधा हीरानी ने कहा कि भाषा के साथ- साथ सिन्धी तीज त्योहार भी धीरे धीरे समाप्त होने की कगार पर है जो चिंताजनक है,बिहार की राजधानी पटना की रहने वाली रश्मि शेवानी कहती हैं भाषा व त्योहार जैसे थदडी, सगडा,गोगो, टीजडी को बचाने व जिंदा रखने की अहम जिम्मेदारी महिलाओ की है क्यूंकि महिलाएँ घर मे अधिक समय देती है, महाराष्ट्र के शहर अमरावती की पायल मगंलानी ने कहा कि सिंधी भाषा, साहित्य व संस्कृति और तीज त्योहार तभी बचेगे जब पंचायते, सामाजिक संस्थाऐं बडे पैमाने पर घर घर जाकर जागरुकता अभियान चलाएँगी तब सिंधियत बचेगी |
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