सिंधी भाषा को बचाने के लिए पंचायते राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता अभियान शुरू करें – ओमप्रकाश ओमी

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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अयोध्या. घर परिवार में एक दूसरे से, मांगलिक कार्यक्रम में रिश्तेदारों व मित्रों से सिंधी मे ही बात करे ताकि भाषा कायम रहे देश में सिंधी भाषा साहित्य, संस्कृति, लोककलाए व तीज त्योहार जिंदा रहे सिंधियत को बचाने के लिए पिछले कई वर्षों से देश के सभी राज्यों में ऑनलाइन चर्चा व शहरों का भ्रमण कर बैठक,सेमिनार और सभाएं आयोजित कर उत्तर प्रदेश सिंधी युवा समाज के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश ओमी कार्य कर रहे है |

इसी संबंध मे रविवार को देश के पांच राज्यों के शहरों की गृहणियों से सिंधियत पर अलग अलग ऑनलाइन चर्चा की,मध्य प्रदेश के शहर कटनी की रीमा बालानी ने ऑनलाइन चर्चा में शामिल होकर कहा कि नई पीढ़ी सिंधी बोलने में शर्म महसूस करती है जो चिंता का विषय है,उत्तर प्रदेश के शहर कानपुर की मीना डोडवानी ने कहा कि भाषा को घर परिवार में कायम रखने के लिए जागरुकता अभियान चलाना होगा,

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छतीसगढ़ प्रांत के शहर रायपुर की राधा हीरानी ने कहा कि भाषा के साथ- साथ सिन्धी तीज त्योहार भी धीरे धीरे समाप्त होने की कगार पर है जो चिंताजनक है,बिहार की राजधानी पटना की रहने वाली रश्मि शेवानी कहती हैं भाषा व त्योहार जैसे थदडी, सगडा,गोगो, टीजडी को बचाने व जिंदा रखने की अहम जिम्मेदारी महिलाओ की है क्यूंकि महिलाएँ घर मे अधिक समय देती है, महाराष्ट्र के शहर अमरावती की पायल मगंलानी ने कहा कि सिंधी भाषा, साहित्य व संस्कृति और तीज त्योहार तभी बचेगे जब पंचायते, सामाजिक संस्थाऐं बडे पैमाने पर घर घर जाकर जागरुकता अभियान चलाएँगी तब सिंधियत बचेगी |

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।