अरविंद सिंह लोधी दमोह
दमोह/जबेरा। ग्राम पंचायत परासई ने जब से अवैध शराब की बिक्री पर ऐतिहासिक प्रतिबंध लगाया है, तब से गाँव का माहौल पूरी तरह बदल गया है। ग्रामीणों के अनुसार गाँव में अब शांति और खुशहाली का वातावरण बना हुआ है।
ग्रामवासियों ने बताया कि पहले परासई बस स्टैंड पर महिलाएँ और स्कूली बच्चे असुरक्षा के कारण बैठने से कतराते थे, लेकिन अब वहाँ का माहौल पूरी तरह सुधर चुका है। आज बच्चे और महिलाएँ निडर होकर बस स्टैंड पर आ-जा रहे हैं और गाँव के बुजुर्ग भी निश्चिंत होकर बैठकर सामाजिक माहौल का आनंद ले रहे हैं।
गाँव के लोगों ने बताया कि जो बच्चे और बच्चियाँ अपने गाँव से बाहर पढ़ाई करने जाते थे, वे स्कूल बस का इंतज़ार करते समय सही तरीके से लाइन में भी नहीं खड़े हो पाते थे। शराबियों की वजह से बच्चों के मन में हमेशा डर बना रहता था। लेकिन अब तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है—आज वही बच्चे बस स्टैंड पर खुशी और उत्साह के साथ निडर होकर खड़े दिखाई देते हैं।
गाँव के बुजुर्गों का कहना है कि पहले कई लोग सुबह से ही शराब के नशे में धुत रहते थे और आए दिन गाली-गलौज एवं मारपीट की घटनाएँ घटित होती थीं। लेकिन अब अवैध शराब पर रोक लगने से यह सब पूरी तरह बंद हो गया है।
ग्रामवासियों ने गर्व से कहा कि जिन्होंने पहले शराब की अवैध बिक्री की थी, उन्होंने भी गाँव की एकता और लोगों की अपील को समझते हुए पूर्ण रूप से नशा मुक्त परंपरा को स्वीकार कर लिया है।
ग्राम पंचायत परासई के इस फैसले से पूरा गाँव आज सुकून और शांति भरी जिंदगी जी रहा है। ग्रामीणों ने मिलकर सभी के सहयोग और समर्थन के लिए धन्यवाद भी दिया।