प्रदेश में 2017 में निकली 9235 पटवारियों की भर्ती प्रक्रिया काे आयुक्त भू-अभिलेख ( लैंड रिकॉर्ड) विभाग चार साल बाद भी पूरी नहीं कर पाया है। खाली रह गए 235 पदाें पर अभी भी भर्ती होना बाकी है। जिसके लिए वेटिंग लिस्ट में शामिल 4 हजार उम्मीदवार नौकरी मिलने की आस लगाए बैठे हैं। कुछ उम्मीदवार न्यायालय की शरण में भी गए हैं। उधर लैंड रिकॉर्ड विभाग भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही खाली रह गए 235 पदों को नई भर्ती परीक्षा के साथ समायोजित कर भर्ती करने की बात कह रहा है।
चार साल पहले लैंड रिकॉर्ड विभाग ने प्रदेश में पटवारियों के रिक्त 9235 पदों के लिए भर्ती निकाली थी। इसके लिए पीईबी से परीक्षा कराई गई थी। 9235 पदों में से 8 हजार 485 पदों पर पात्र उम्मीदवारों की भर्ती हो गई। शेष रह गए 750 पदों को वेटिंग लिस्ट के उम्मीदवारों से भरा गया।
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वेटिंग लिस्ट से उम्मीदवारों की भर्ती करने के लिए 11 बार विभाग ने काउंसलिंग की लेकिन इसके बाद भी 235 पद रिक्त रह गए। वहीं उम्मीदवारों का कहना है कि पीईबी और लैंड रिकॉर्ड विभाग के आपसी तालमेल के अभाव और सॉफ्टवेयर की गलती के कारण कई सफल उम्मीदवारों के नाम एक से अधिक जिलों के सॉफ्टवेयर में दिखने लगे। इससे लिस्ट तैयार करने में गड़बड़ी हुई। यह गलती विभाग की है लेकिन नुकसान उम्मीदवारों का हुआ। इसलिए इस भर्ती परीक्षा को लेकर न्यायालय में केस भी लगाए हैं।
2017 में जो भर्ती हुई, उसमें मुख्य लिस्ट और वेटिंग लिस्ट दोनों से उम्मीदवारों को पर्याप्त अवसर दे चुके हैं। जो 235 पद खाली रह गए हैं, उनको नई भर्ती परीक्षा के साथ जोड़कर भर लेंगे। 6 महीने में विभाग पटवारियों के करीब 1 हजार नए पदों के लिए भर्ती निकालेगा। हमने जितने पदों को भरा है, वह नियमानुसार ही भरे गए हैं।
– ज्ञानेश्वर बी. पाटिल, आयुक्त भू-अभिलेख, मप्र
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