कोरोना की दूसरी लहर का पीक करीब! नए केस कम लेकिन मौत की दर दे रही टेंशन जाने कारण

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
3 Min Read

नई दिल्ली. कोरोना वारयस के संक्रमण के हर रोज डराने वाले आंकड़ें सामने आ रहे हैं. रविवार तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले एक हफ्ते के दौरान कोरोना से 27 हज़ार 243 लोगों की मौत हुई है. ये आंकड़े 3 से 9 मई के बीच के हैं, जबकि इसके पिछले हफ्ते कोरोना से 23 हज़ार 781 लोगों की मौत हुई थी. इन आंकड़ों से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि कोरोना के दूसरी लहर की पीक अब करीब आ गई है. रविवार को कोरोना के 3 लाख 66 हजार 902 केस दर्ज किए गए.

अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, हर रोज अब मौत की दर 1 फीसदी को पार कर गई है. पिछले 3 दिनों के दौरान मौत की दर 15 फीसदी तक पहुंच गई है. भारत में कोरोना से मृत्यु दर 1.1 फीसदी है. पिछले 5 दिनों में पहली बार कोरोना के मरीज़ों की संख्या 4 लाख से कम रही. अब तक 6 मई को कोरोना के सबसे ज्यादा 4 लाख 14 हजार 554 केस मिले थे. रविवार को मौतों की संख्या में भी कमी आई. पिछले दो दिनों से 4 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो रही थी, जो रविवार को घट कर 3,751 पर पहुंच गई.

इन राज्यों में तेज़ी से बढ़ रहे हैं केस
तीन राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में रविवार को संक्रमण के मामले में सबसे ज्यादा इज़ाफ़ा देखा गया. ये राज्य हैं- तमिलनाडु (28,897), बंगाल (19,441), चंडीगढ़ (895) और मेघालय (418). पुदुचेरी, मेघालय और मणिपुर में मरने वालों की संख्या क्रमशः 26, 18 और 15 रही. पंजाब में भी 191 लोगों की मौत हुई. उसके बाद उत्तराखंड में 180 मौतें हुईं.

[expander_maker id=”1″ more=”आगे पढ़े ” less=”Read less”] पॉजिटिवीटी रेट 20%

भारत के 741 जिलों में कोरोना की पॉजिटिवीटी रेट 20 प्रतिशत या उससे अधिक है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देशभर में इस वक्त करीब 50 हज़ार लोग आईसीयू में भर्ती हैं. जबकि करीब 14 हज़ार लोगों को वेटिंलेटर सपोर्ट पर रखा गया है. पिछले दिनों विश्व स्वास्थ्य संगठनकी मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने भारत में कोरोना के कहर को लेकर चिंता जताई थी. उन्होंने कहा कि देश में अचानक से कोरोना विस्फोट के पीछे सबसे बड़ी वजह है इसका नया वैरिएंट.

 [/expander_maker]

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।