1 साल से ज्यादा के शारीरिक संबंध, नहीं है दुष्कर्म : हाईकोर्ट

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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MP News in Hindi। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ ने दुष्कर्म के एक मामले में एफआईआर  निरस्त करने का आदेश दिया है।अपने फैसले में हाईकोर्ट ने कहा कि आरोपी के साथ पीड़ता 1 साल से अधिक समय तक रही। 1 साल अपना अच्छा बुरा समझने के लिए पर्याप्त वक्त होता है।संबंध बनाने में महिला की सहमति थी।यह मामला सिर्फ वायदा तोड़ने का है। इसमें दुष्कर्म का कोई अपराध नहीं हुआ है। इसीलिए इसे कानून का दुरुपयोग ही माना जाएगा।यह केस चलने योग्य नहीं है।

दतिया के सेंवड़ा थाने में एक महिला ने 28 जुलाई 2021 को अमर सिंह राजपूत पर दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज कराया था। उसका आरोप था, कि शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया, और बाद में विवाह से मना कर दिया।
एफआईआर के खिलाफ हाईकोर्ट में अमर सिंह ने याचिका दायर की। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि महिला बालिग है।उसके तीन बच्चे हैं। वह स्वेच्छा के साथ उसके साथ रह रही थी। उसने शादी का कोई वादा नहीं किया था। अब अनुचित लाभ लेने के लिए पीड़िता ने मामला दर्ज कराया है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता का पक्ष सुनने के बाद याचिका को स्वीकार करते हुए,

एफआईआर निरस्त  करने के आदेश दिए। उल्लेखनीय है, बरसों शारीरिक संबंध रहने के बाद जब किसी बात पर तकरार होती है।तो महिलाएं दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज कराकर पुरुषों को प्रताड़ित करती हैं। इस मामले में हाईकोर्ट का यह निर्णय बड़ा महत्वपूर्ण है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।