PM Modi की “मन की बात” पर लाइक से ज्यादा कई गुना ज़्यादा डिसलाइक | Mann Ki Baat | Narendra Modi |

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
3 Min Read

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘मन की बात’ कार्यक्रम, इंटरनेट यूज़र्स की नकारात्मक प्रतिक्रिया के कारण चर्चा में आ गया है. आकाशवाणी पर रविवार को प्रसारित होने वाले इस कार्यक्रम का दूरदर्शन के अलावा कई निजी चैनल भी सीधा प्रसारण करते हैं. इसके साथ ही पीआईबी, बीजेपी और पीएम मोदी के यूट्यूब चैनल पर भी देश के नाम पीएम के संबोधन को सुना जा सकता है. मगर इस रविवार के मन की बात को लेकर इन यूट्यूब चैनलों पर यूज़र्स की प्रतिक्रिया सकारात्मक कम, नकारात्मक ज़्यादा रही है. इन तीनों ही जगह मन की बात के वीडियो पर लाइक्स की तुलना में डिसलाइक बहुत ज़्यादा हैं. इस बात को असामान्य माना जा रहा है क्योंकि इससे पहले मन की बात को लेकर दर्शकों का रवैया इतना नेगेटिव नहीं रहता था.

ऐसे में चर्चा हो रही है कि आख़िर इसकी वजह क्या हो सकती है. क्या है स्थिति :- इस रविवार को मन की बात के वीडियो पर इंटरनेट यूज़र्स की प्रतिक्रिया शुरू से ही सुस्त रही. कार्यक्रम का प्रसारण सुबह हुआ था मगर देर रात तक स्थिति में सुधार नहीं हुआ था. 31 अगस्त की दोपहर लगभग दो बजे, ख़बर लिखे जाने तक भारतीय जनता पार्टी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम पर लगभग 17,23,295 लाख व्यूज़ थे. इस चैनल पर इस वीडियो को 70 हज़ार लोगों ने लाइक किया था जबकि 4 लाख 79 हज़ार ने डिसलाइक किया था. स्पष्ट है कि यह अंतर काफ़ी बड़ा है. इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपने यूट्यूब चैनल (Narendra Modi) पर इसके 8 लाख 14 हज़ार व्यूज़ थे. इस वीडियो पर 44 हज़ार लाइक और 1 लाख 10 हज़ार डिसलाइक थे. संबोधन में क्या कहा था पीएम मोदी ने :- प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने इस रविवार को 68 वीं कड़ी के तहत देशवासियों को संबोधित किया.हर बार अलग-अलग विषयों पर बात करने वाले पीएम ने इस बार ओणम त्योहार की बात की और भारतीय उद्यमियों को खिलौनों के कारोबार में संभावनाएं तलाशने का सुझाव दिया. पीएम ने स्वदेशी खिलौने के निर्माण पर ज़ोर देते हुए कहा, “ग्लोबल टॉय इंडस्ट्री 7 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक की है लेकिन इतने बड़े कारोबार में भारत की हिस्सेदारी बहुत कम है.” उन्होंने कहा, “हमारे देश में आइडियाज़ और कॉन्सेप्ट हैं. वर्चुअल गेम्स और खिलौनों के सेक्टर में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है और अब सभी के लिए लोकल खिलौनों के लिए वोकल होने का वक़्त आ गया है.” राहुल ने ट्वीट किया है, “जेईई-नीट के छात्र चाहते थे कि पीएम परीक्षा पर चर्चा करें, लेकिन पीएम ने खिलौनों पर चर्चा की.”

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
19 Comments