जर्मनी में G-7 शिखर सम्मेलन में  बोले पीएम मोदी – भारत की वैक्सीन ने बचाई करोड़ों लोगों की जान

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G-7 के 48वें शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए जर्मनी के म्यूनिख में हैं, वहां वे भारतीय समुदाय को संबोधित कर रहे हैं. संबोधन के दौरान पीएम ने कहा कि मैं आप सभी में भारत की संस्कृति, एकता और बंधुत्व के भाव का दर्शन कर रहा हूं. आपका ये स्नेह मैं कभी भूल नहीं पाऊंगा.

आपके इस प्यार, उत्साह और उमंग से जो लोग हिंदुस्तान में देख रहे हैं उनका सीना भी गर्व से भर गया होगा. आज का दिन एक और वजह से जाना जाता है. जो डेमोक्रेसी हमारा गौरव है, जो डेमोक्रेसी हर भारतीय के DNA में है, आज से सैंतालीस साल पहले इसी समय उस डेमोक्रेसी को बंधक बनाने, डेमोक्रेसी को कुचलने का प्रयास किया गया था.

पीएम ने आगे कहा कि भारत के लोगों ने लोकतंत्र को कुचलने की सारी साजिशों का जवाब, लोकतांत्रिक तरीके से ही दिया है. हम भारतीय कहीं भी रहें, अपनी डेमोक्रेसी पर गर्व करते हैं. हर हिंदुस्तानी गर्व से कहता है, भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी है.

आज भारत के हर गांव तक बिजली पहुंच चुकी है. आज भारत का लगभग हर गांव, सड़क मार्ग से जुड़ चुका है. आज भारत के 99 प्रतिशत से ज्यादा लोगों के पास क्लीन कुकिंग के लिए गैस कनेक्शन है. आज भारत का हर परिवार बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ा हुआ है.

80 करोड़ गरीबों के लिए मुफ्त अनाज सुनिश्चित

पीएम ने आगे कहा, ‘आज भारत के हर गरीब को 5 लाख रुपए के मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध है. कोरोना के इस समय में भारत पिछले दो साल से 80 करोड़ गरीबों के लिए मुफ्त अनाज सुनिश्चित कर रहा है.

इतना ही नहीं, आज भारत में औसतन हर 10 दिन में एक यूनिकॉर्न बन रहा है.’ आज भारत में हर महीने औसतन 5 हजार पेटेंट फाइल होते हैं. आज भारत हर महीने औसतन 500 से अधिक आधुनिक रेलवे कोच बना रहा है. आज भारत हर महीने औसतन 18 लाख घरों को पाइप वॉटर सप्लाई से जोड़ रहा है.

PM ने कहा कि आज 21वीं सदी का भारत चौथी औद्योगिक क्रांति में, इंडस्ट्री 4.0 में पीछे रहने वालों में नहीं बल्कि इस औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व करने वालों में से एक है. Information Technology में, Digital Technology में भारत अपना परचम लहरा रहा है.

दुनिया में हो रहे realtime डिजिटल पेमेंट्स में से 40 प्रतिशत ट्रांजेक्शन भारत में हो रहे हैं. आज भारत डेटा कंजंप्शन में नए रिकॉर्ड बना रहा है. भारत उन देशों में है जहां डाटा सबसे सस्ता है. आज का भारत “होता है, चलता है, ऐसे ही चलेगा” वाली मानसिकता से बाहर निकल चुका है. आज भारत ‘करना है’ ‘करना ही है’ और ‘समय पर करना है’ का संकल्प रखता है.

हम सभी भारतीय इस साल अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मना रहे है, अमृत महोत्सव मना रहे हैं. आजादी के 75वें वर्ष में भारत अभूतपूर्व Inclusiveness और इससे प्रोत्साहित होने वाली करोड़ो Aspirations का गवाह बन रहा है. भारत आज अभूतपूर्व संभावनाओं से भरा है.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।