प्रॉपर्टी इंदौर :डेढ़ सौ से अधिक प्रॉपर्टी प्रोजेक्ट रेरा के फेर में उलझे

sadbhawnapaati
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Indore News. कोरोनाकाल में कई सेक्टरों में काम तेजी से शुरू हो गया है, लेकिन शहर के रियल इस्टेट सेक्टर में परेशानियां बरकरार है। शहर के 150 प्रोजेक्ट मंजूरी के लिए रियल इस्टेट रेग्युलेशन एंड डेवल्पमेंट एक्ट (रेरा) ने अटका रखे है, हालांकि अब आवेदनकर्ताओं को सुनवाई के लिए रेरा की तरफ से पत्र आने लगे है, लेकिन मंजूरी के लिए तीन माह से ज्यादा का समय लग सकता है। इस कारण डेवल्पर प्लाटों को बेच नहीं पा रहे है और इसका असर प्रोजेक्ट पर पड़ रहा है।
प्लाटों की खरीद और बिक्री में होने वाली धोखाधड़ी, देरी को रोकने के लिए प्रदेश में रेरा तीन साल से लागू है, लेकिन रेरा के लिए बने प्राधिकरण में स्टाफ की कमी, समिति के गठन में देरी जैसे मामलों के कारण प्रोजेक्टों की मंजूरी नहीं हो पा रही है। बिल्डरों ने प्रोजेक्टों को जमीन पर लाने के लिए करोड़ों रुपये के निवेश कर रखे है, लेकिन रेरा में प्रोजेक्ट का पंजीयन नहीं होने की वजह से बिक्री नहीं हो पा रही है। कई बिल्डरों ने तो बैंक से भी तगड़ा लोन ले रखा है और अब उन्हें प्रोजेक्ट का काम बीच में ही रोकना पड़ रहा है। रियल इस्टेट का सबसे बड़ा मार्केट इंदौर है। प्रदेश के कई जिलों के लोग इंदौर में प्रापर्टी खरीदना के लिए आते है, लेकिन 150 प्रोजेक्टों को मंजूरी नहीं मिलने के कारण खरीददारों को भी विकल्प नहीं मिल पा रहे है।
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भू संपदा विनियामक प्राधिकरण ने अलग-अलग शेड्यूल तैयार किए है। इसे लेकर पत्र भी जारी हो रहे है। जल्दी ही सुनवाई भी शुरू हो जाएगी। हमें उम्मीद है कि इस कवायद के बाद अब मार्केट में तेजी आएगी। इंदौर के प्रोजेक्टों के पंजीयन में तीन माह का समय लग सकता है।– लीलाधर माहेश्वरी, चेयरमेन, क्रेडाई

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