Religious And Spiritual News – चाणक्य नीति के अनुसार जीवन में सफलता पाने के लिए आज ही छोड़े ये आदतें

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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आचार्य चाणक्य को हम सभी अर्थशास्त्री, रणनीतिकार और कूटनीतिज्ञ के रूप में जानते हैं। इन्होंने अपनी शिक्षा तक्षशिला विद्यालय से ली थी और बाद में यहां पर शिक्षक के रूप में बच्चों को पढ़ाया करते थे. उन्होंने अपने जीवन में कई किताबे और ग्रंथों को लिखी था। आज भी लोग आचार्य चाणक्य की किताब नीतिशास्त्र को पढ़ना पसंद करते हैं. उनकी किताब में जीवन से जुड़ी हर परेशानी का हल है।

अगर कोई व्यक्ति नीति शास्त्र में लिखी बातों का अनुसरण करता है तो उसके जीवन सफल और सुखी बन सकता है. चाणक्य ने नीतिशास्त्र में बताया है कि व्यक्ति की वो कौन सी आदते हैं जिसकी वजह से उसे जीवन में सफलता नहीं मिलती है। अगर आप जीवन में सफल होना चाहते हैं तो आज इन आदतों को त्याग दें. आइए बिना देर किए जानते हैं इन आदतों के बारे में।

आलस्य का त्याग ।

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति के जीवन में आलस्य सबसे बड़ी बाधा है. जो लोग अपने काम को कल पर टालते हैं वो कभी सफल नहीं होते हैं. सफलता प्राप्त करने के लिए मनुष्य को बहुत मेहनत करनी पड़ती है। खासतौर पर युवावस्था में मनुष्य को आलसी नहीं होना चाहिए. ये उनके जीवन का अनमोल पल होता है।

मुश्किलों से परेशान नहीं होना चाहिए ।

चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति को निड़र होना चाहिए. उसे मुश्किलों से कभी घबराना नहीं चाहिए. उनका मानना है कि जो व्यक्ति मुश्किलों से घबरा जाता है उसे सफलता देर से मिलती है. किसी भी कार्य को करने से पहले जितना उत्साहित रहते हैं उतने ही साहस से करें. किसी भी काम करते समय धैर्य बनाएं रखें तभी सफलता मिलेगी.

समय बर्बाद न करें ।

आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति को अपने समय की पहचान होनी चाहिए. जो लोग समय की परवाह नहीं करते हैं उन्हें सफलता नहीं मिलती है. हमेशा दूसरो की गलती से सीखना चाहिए. अपनी गलतियों पर ध्यान देना चाहिए. चाणक्य नीति कहती हैं कि जो व्यक्ति अपने जीवन में अनुशासन का महत्व समझते हैं उनके सभी कार्य पूरे होते हैं।

गलत संगती से दूर रहें।

आचार्य चाणक्य के अनुसार अगर कोई व्यक्ति गलत संगती में पड़ जाए तो वो कभी सफल नहीं होता है. जीवन में सफल होने के लिए अपनी संगती का विशेष ध्यान देना चाहिए.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।