सरसों तेल का खुदरा भाव 160 रुपये लीटर से अधिक नहीं होना चाहिए, एमआरपी की वजह से आम उपभोक्ताओं को नुकसान

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
2 Min Read

 

सरसों तेल थोक भाव से 148 रुपये किलो में बैठता है और इसका खुदरा भाव अधिकतम 155-160 रुपये लीटर (एक लीटर में 912 ग्राम तेल) से अधिक नहीं बैठना चाहिए। सरकार खुदरा कीमतों पर निगरानी रखने की जरूरत है

आयातित तेलों के मुकाबले देशी तेल कहीं सस्ते हैं और ऊंचा भाव होने के कारण अधिकांश तेल-तिलहनों की मांग कमजोर है। सरसों की आवक अधिक रहने से इसके तेल-तिलहनों की कीमतों में गिरावट आई। सरसों तेल थोक भाव से 148 रुपये किलो में बैठता है और इसका खुदरा भाव अधिकतम 155-160 रुपये लीटर (एक लीटर में 912 ग्राम तेल) से अधिक नहीं बैठना चाहिये। सूत्रों ने कहा कि सरकार खुदरा कीमतों पर निगरानी रखे तो तेल क्षेत्र की आधी समस्या सुलझ जाएगी।

बता दें विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बावजूद दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बुधवार को सरसों तेल-तिलहन की कीमतों में गिरावट आई।  बिनौला, सीपीओ और पामोलीन सहित बाकी तेल-तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए। शिकॉगो एक्सचेंज में तेजी की वजह से सोयाबीन तेल कीमतों में भी सुधार दिखा। वहीं, इंदौर के संयोगितागंज अनाज मंडी में बुधवार को चना कांटा 25 रुपये और मूंग के भाव में 200 रुपये प्रति क्विंटल की कमी हुई।
अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) की वजह से आम उपभोक्ताओं को नुकसान है क्योंकि कई कंपनियों ने एमआरपी को 20-40 रुपये ऊंचा कर रख है,  जिसका खुदरा व्यापारी फायदा उठाते हुए ग्राहकों को ऊंचे भाव पर खाद्य तेलों की बिक्री कर रहे हैं।   सूत्रों ने कहा कि आयातित तेलों के मुकाबले देशी तेल 12-13 रुपये किलो सस्ते हैं पर ऊंची कीमतों के कारण बाजार में ग्राहकी कम है। दूसरी ओर मलेशिया एक्सचेंज में सामान्य कारोबार होने के बीच सीपीओ और पामोलीन तेल के भाव पूर्ववत रहे।

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।