शिक्षा का अधिकार: मप्र राज्य शिक्षा केंद्र ने शुरू की अशासकीय स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की फीस चुकाने की प्रक्रिया

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मध्य प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गैर अनुदान मान्यता प्राप्त अशासकीय स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति के लिए राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। सत्र 2020-21 एवं सत्र 2021-22 की फीस प्रतिपूर्ति प्रपोजल तैयार किए जाने के लिए माड्यूल बनाया गया है, जो आरटीई पोर्टल पर उपलब्ध है। ये 16 मार्च से प्रारंभ हो चुका है, 16 अप्रैल तक क्रियाशील रहेगा।

बता दें कि निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम, 2011 के नियम 12(1)(ब) अंतर्गत गैर अनुदान मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों में वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को कक्षा 1 या प्री-स्कूल की प्रथम प्रवेशित कक्षा में न्यूनतम 25 प्रतिशत सीटों पर ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से आवंटन उपरांत निशुल्क प्रवेश दिया जाता है। प्रवेशित बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा सीधे स्कूल को की जाती है। यह प्रतिपूर्ति, प्रति विद्यार्थी निर्धारित व्यय अथवा स्कूल द्वारा ली जाने वाली वास्तविक शुल्क में से जो भी न्यूनतम हो के अनुसार देय होती है। जिसके संबंध में बच्चों के आधार सत्यापन तथा संबंधित स्कूल के नोडल अधिकारी के वास्तविक सत्यापन उपरांत जिले से परीक्षण कर सक्षम अधिकारी के स्वीकृति आवश्यक होती है।

राज्य शिक्षा केन्द्र के संचालक धनराजू एस ने बताया कि राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा गैर अनुदान मान्यता प्राप्त अशासकीय स्कूलों की सत्र 2020-21 एवं सत्र 2021-22 की फीस प्रतिपूर्ति प्रपोजल तैयार किए जाने के लिए आरटीई पोर्टल www-rteportal-mp-gov-in   पर एक माड्यूल तैयार किया गया है। जो 16 अप्रैल 2022 तक क्रियाशील रहेगा। अशासकीय स्कूल द्वारा इस माड्यूल में अपने स्कूल के यूजर एवं पासवर्ड से लॉगिन कर शुल्क प्रतिपूर्ति एवं भुगतान प्रबंधन ऑप्शन को चुन कर फीस प्रतिपूर्ति प्रपोजल तैयार किया जा सकता है। यह माड्यूल यूजर फ्रेंडली होने के साथ ही पारदर्शिता पर आधारित है। धनराजू एस ने इस संबंध में सभी जिलों के कलेक्टर्स को पत्र माध्यम से विस्तृत निर्देश प्रदान करते हुए समस्त प्राइवेट स्कूलों को उपरोक्त प्रक्रिया के संबंध में अवगत कराने तथा पारदर्शी माध्यम से कार्यवाही सुनिश्चित कराने का कहा है।

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