Press "Enter" to skip to content

सनातन सद्भावना विक्रम संवत 2080 – गुड़ी पड़वा: आज से नौ दिन तक माता के नौ स्वरूपों की होगी पूजा  

      Hindu Nav Varsh 2080 – पश्चिमी देशों में तो सामान्यतः अंग्रेजी तिथि के अनुसार नव वर्ष प्रत्येक वर्ष की 1 जनवरी को बहुत ही बड़े स्तर पर उत्साहपूर्वक मनाया जाता है। वैसे तो पूरे विश्व में ही नव वर्ष भरपूर उत्साह के साथ मनाया जाता है। परंतु कई देशों में नव वर्ष की तिथि भिन्न भिन्न रहती है तथा नव वर्ष को मनाने की विभिन्न देशों की अपनी अलग अलग परम्पराएं भी हैं। नव वर्ष प्रत्येक देश में एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है।

भारत में सनातन हिंदू धर्म के अनुसार नव वर्ष को नवसंवत्सर कहा जाता है एवं यह देश के विभिन्न भागों में अलग अलग नामों से पुकारा जाता है। भारत में हिंदू धर्मावलम्बियों के लिए नव वर्ष का प्रथम दिन बहुत शुभ माना जाता है एवं प्राचीन भारत में इसे बहुत बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता रहा है। उत्तर भारत में हिंदू नव वर्ष चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है।

इस वर्ष 22 मार्च 2023 को वर्ष प्रतिपदा तिथि पड़ रही है। महाराष्ट्र में नव वर्ष को गुड़ी पड़वा के नाम से जाना जाता है।  सिंधी समुदाय नव वर्ष को चेटी चांद के नाम से मनाते हैं। पंजाब में नव वर्ष को बैसाखी के नाम से मनाया जाता है। जबकि सिख नानकशाही कैलंडर के अनुसार 14 मार्च होला मोहल्ला को नया साल माना जाता है। गोवा में हिंदू समुदाय नव वर्ष को कोंकणी के नाम से मनाते है।

आंध्रप्रदेश, तेलंगाना राज्य में नव वर्ष को  युगदि या उगादी के नाम से मनाते है। कश्मीर में कश्मीरी पंडित नव वर्ष को नवरेह या नौरोज या नवयूरोज अर्थात्‌ नया शुभ प्रभात के नाम से मनाते है। बंगाल में नव वर्ष को नबा बरसा के नाम से, असम में बिहू के नाम से, केरल में विशु के नाम से, तमिलनाडु में पुतुहांडु के नाम से नव वर्ष मनाया जाता है। मारवाड़ी में नव वर्ष दिवाली के दिन मनाते है।

गुजरात में दिवाली के दूसरे दिन नव वर्ष होता है। बंगाली नया साल पोहेला बैसाखी 14 या 15 अप्रैल को मनाते हैं। भारत में चूंकि कई समुदाय निवास करते हैं अतः नव वर्ष के नाम भी अलग अलग पाए जाते हैं एवं नव वर्ष को मनाने की परम्परा भी भिन्न भिन्न है।

22 मार्च 2023 से 30 मार्च 2023 नौ दिन तक मां दुर्गा की नौ स्वरूपों की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाएगी.

चैत्र नवरात्रि प्रथम दिन (22 मार्च 2023) – प्रतिपदा तिथि, मां शैलपुत्री पूजा, घटस्थापना
चैत्र नवरात्रि दूसरा दिन (23 मार्च 2023) – द्वितीया तिथि, मां ब्रह्मचारिणी पूजा
चैत्र नवरात्रि तीसरा दिन (24 मार्च 2023) – तृतीया तिथि, मां चंद्रघण्टा पूजा
चैत्र नवरात्रि चौथा दिन (25 मार्च 2023) – चतुर्थी तिथि, मां कुष्माण्डा पूजा
चैत्र नवरात्रि पांचवां दिन (26 मार्च 2023) – पंचमी तिथि, मां स्कंदमाता पूजा
चैत्र नवरात्रि छठा दिन (27 मार्च 2023) – षष्ठी तिथि, मां कात्यायनी पूजा
चैत्र नवरात्रि सातवां दिन (28 मार्च 2023) – सप्तमी तिथि, मां कालरात्री पूजा
चैत्र नवरात्रि आठवां दिन (29 मार्च 2023) – अष्टमी तिथि, मां महागौरी पूजा, महाष्टमी
चैत्र नवरात्रि नवां दिन (30 मार्च 2023) – नवमी तिथि, मां सिद्धीदात्री पूजा, दुर्गा महानवमी, राम नवमी

Spread the love
More from National NewsMore posts in National News »
More from Religion newsMore posts in Religion news »