शहर की तीनों मंडियों चोइथराम मंडी, छावनी और लक्ष्मीबाई नगर अनाज मंडी के साथ ही प्रदेश की 270 मंडियों के कर्मचारी 24 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। मंगलवार को भी लक्ष्मीबाई नगर अनाज मंडी के गेट पर कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। मंडी के व्यापारियों ने भी कर्मचारियों का समर्थन किया, वे भी प्रदर्शन में शामिल हुए। श्री इंदौर कृषि उपज व्यापारी संघ लक्ष्मीबाई नगर अनाज मंडी के अध्यक्ष नारायण गर्ग ने बताया कि मप्र की सभी 270 कृषि उपज मंडियों के व्यापारी 6 दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। प्रतिदिन मंडी गेट पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ धरना दिया जा रहा है। सहमंत्री आनंद गर्ग ने सरकार द्वारा व्यापारियों को बिचौलिया बोलने का विरोध दर्ज कराते हुए बताया कि व्यापारी तो किसान और उद्योग के बीच की रीढ़ की हड्डी और महत्वपूर्ण कड़ी है। वह किसान को नकद भुगतान कर उनकी उपज खरीदता है और उद्योगों को 15 दिन से 1 माह उधार पर उपज बेचता है।
सरकार ने व्यापार को बरसों पुराने इंस्पेक्टर राज से मुक्त कर दिया। अब प्रदेश सरकार की दोहरी कर नीतियों के कारण व्यापारियों व किसानों के लिए मंडी परिसर के अंदर व्यापार करना दुश्वार हो गया है। इन विसंगतियों के कारण व्यापारी बैठे हैं धरने पर यदि किसान अपनी उपज मंडी परिसर के भीतर बेचता है तो व्यापारी को उस पर 1.70% शुल्क का भुगतान करना होगा। जबकि मंडी के बाहर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इस वजह से मंडियों के भीतर उन्हें उपज का उचित मूल्य प्राप्त नहीं होगा। अतः मंडी के व्यापार को जीवित रखने व्यापारियों ने प्रदेश सरकार से कई मांगें की हैं। इसमें मंडी शुल्क 1.70% से घटा कर 0.50 % करना, निराश्रित शुल्क पूर्णतः समाप्त करना, लाइसेंस समय सीमा आजीवन करना, पाक्षिकी, अर्धवार्षिक व वार्षिक पत्रक विवरणी, सभी प्रकार के पत्र व्यवस्था समाप्त करना शामिल है।
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