इंडेक्स हॅास्पिटल में 10.8 किलो वजनी ट्यूमर की सफल सर्जरी

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
3 Min Read

इंडेक्स हॅास्पिटल में सुपर स्पेशलिटी सर्विसेस से मरीज को मिला नया जीवनदान

5 से 10 प्रतिशत मरीजों में होता है यह दुर्लभ ट्यूमर होता है

इंदौर। इंडेक्स मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर इंदौर में डॅाक्टरों की टीम ने 10.8 किलोग्राम वजनी ट्यूमर का सफल ऑपरेशन किया। यह जटिल सर्जरी देवास निवासी 41 वर्षीय महिला पर की गई, जो पिछले लगभग डेढ़ वर्ष से सूजन और पेट दर्द से जूझ रही थीं। जांच में पता चला कि उनके पेट में 41 सेंटीमीटर आकार का अत्यंत बड़ा ट्यूमर विकसित हो चुका था, जिसका आकार और वजन दोनों ही सामान्य मामलों की तुलना में अत्यधिक था।इस उपलब्धि ने इंडेक्स हॅास्पिटल को एक बार फिर प्रदेश के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में शामिल करते हुए गुणवत्तापूर्ण और भरोसेमंद स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में नई पहचान दिलाई है।
डॉ. ऋतिका मालवीया ने कहा कि ऐसे बड़े ट्यूमर के मामले बहुत ही दुर्लभ होते हैं और यह आंकड़ा केवल 5 से 10 प्रतिशत तक देखा जाता है। इस ट्यूमर के कारण ओवेरियन टॉर्शन, प्सूडोमाइक्सोमा पेरीटोनी तथा आंतों में रुकावट (बॉवेल ऑब्स्ट्रक्शन) जैसी गंभीर जटिलताओं की आशंका बनी रहती है। कई बार इन जटिलताओं के चलते मरीज की जान को भी खतरा हो सकता है।


उन्होंने बताया कि सर्जरी के दौरान डॉक्टरों को अत्यधिक सतर्कता बरतनी पड़ी, क्योंकि ट्यूमर के आसपास के अंगों पर दबाव बढ़ चुका था। टीमवर्क, विशेषज्ञता और आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता के कारण लगभग दो घंटे तक चली ऑपरेशन प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूर्ण की गई। महज कुछ ही समय में मरीज की स्थिति स्थिर होने लग गई।हालांकि इंडेक्स हॅास्पिटल की टीम द्वारा की गई सूक्ष्म निगरानी और सावधानीपूर्वक की गई जांच में मरीज में इन जटिलताओं की पुष्टि नहीं हुई, जिससे सर्जरी की सफलता की संभावना बढ़ सकी।

इस चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन का नेतृत्व गायनेकोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. ऋतिका मालवीया ने किया। उनके साथ चिकित्सा टीम में डॉ. शिल्पी, डॉ. शांभवी, डॉ. वैशाली और डॉ. सोनाली शामिल थीं।ऑपरेशन का जोखिम इतना अधिक था कि अन्य अस्पतालों ने सर्जरी करने से इनकार कर दिया था, लेकिन इंडेक्स हॅास्पिटल के डॅाक्टरों टीम ने यह साहसिक निर्णय लिया।सर्जरी के पश्चात मरीज की हालत स्थिर है और वह चिकित्सकीय निगरानी में हैं। समय पर और समुचित इलाज से अत्यंत जोखिमपूर्ण स्थिति के बावजूद मरीज की जान बचाई जा सकी है।

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।