सेज यूनिवर्सिटी में शिक्षक और स्टाफ के साथ मारपीट, वीडियो वायरल

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sadbhawnapaati
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यूनिवर्सिटी के 200 प्रोफेसर-कर्मचारियों ने थाने पर दिया धरना, छात्र नेताओं पर कार्रवाई की मांग

इस विवाद के बाद यूनिवर्सिटी के शिक्षक और स्टाफ तेजाजी नगर थाने पर बड़ी संख्या पहुंचे, जिसके बाद शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए अधिकारियों द्वारा बाहरी छात्र कुणाल पटवारी रवि चौधरी और एक अन्य सहित अज्ञात के खिलाफ मारपीट सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है।

यह है मामला
गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल होने लगा जिसमें छात्र सेज यूनिवर्सिटी के स्टाफ और शिक्षकों के साथ मारपीट कर रहे हैं इस वीडियो के वायरल होने के पीछे का कारण बताया जा रहा है कि बुधवार को सेज यूनिवर्सिटी में एक हादसा टल गया शार्ट सर्किट के कारण दो कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जब इसकी जानकारी छात्र नेताओं को लगी तो वे घायलों को अस्पताल लेकर पहुंचे। यूनिवर्सिटी के अंदर मौजूद कई छात्र इस हादसे में बच गए लेकिन दो कर्मचारी घायल हो गए. छात्र नेताओं द्वारा मामले का विरोध शुरू कर दिया गया यूनिवर्सिटी कर्मचारी को मुआवजा देने की मांग की गई वहीं इस घटना का विवाद थमता उसके पहले ही गुरुवार दोबारा छात्र नेता रवि चौधरी और कुणाल पटवारी छात्रों को लेकर यूनिवर्सिटी में दाखिल हुए और स्टाफ के साथ कहासुनी शुरू कर दी, जिसका वीडियो वायरल हो रहा है।

यूनिवर्सिटी के एकेडमिक डीन सुधीर अग्रवाल ने बताया कि बाहरी तत्व रवि चौधरी और कुणाल पटवारी अन्य के साथ कॉलेज परिसर में आए। वे यहां बिजली के कारण घायल कर्मचारियों के लिए ज्ञापन देने आए थे। हमने कर्मचारियों को अस्पताल में भर्ती भी करवा दिया है। साथ ही 50 हजार रुपये इलाज के लिए जमा भी करवा दिए हैं। इसके बावजूद ये किस मंशा से यहां आए थे, यह हमें नहीं पता है। कॉलेज परिसर का कोई तार भी नहीं टूटा है। कर्मचारी की आकाशीय बिजली से घायल होने की आशंका है। ज्ञापन हमने देखा ही नहीं था। हम पुलिस को सूचना देने आए हैं। ये लोग कई बार इस तरह की बदतमीजी कर चुके हैं। ये कालेज के छात्र नहीं है।

छात्र नेता रवि चौधरी ने बताया कि जिस समय कालेज में शार्ट सर्किट हुआ था, तब वहां बच्चे भी खड़े थे। बिजली की चपेट में आने से दो कर्मचारी गंभीर घायल हो गए, लेकिन उन्हें कालेज की ओर से कोई अस्पताल लेकर नहीं गया। हम गुरुवार को कर्मचारियों को मुआवजा दिलवाने की मांग को लेकर ज्ञापन देने के लिए गए थे। हमने किसी के साथ कोई मारपीट नहीं की है। कॉलेज में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं। उसमें घटना देखी जा सकती है। हमारे ऊपर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वे गलत हैं।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।