किसानों के लिए जारी हेल्पलाइन नंबर हुआ बंद : कैसे होगा ‘किसान कल्याण’?

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार का किसान कल्याण व कृषि विकास विभाग किसानों को ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल (https://farmer.mpdage.org) के जरिए सहायता देने का दावा करता है। पोर्टल पर वैकल्पिक संपर्क नंबर 8719962442 दिया गया है, मगर इस पर कॉल करने पर ऑटोमेटेड मैसेज मिलता है: “इस नंबर की इनकमिंग सेवाएँ बंद हैं।”

यह स्थिति किसानों के लिए निराशाजनक है। पोर्टल पर तकनीकी समस्याएँ, दस्तावेज अपलोड में दिक्कत या अनुदान भुगतान की जानकारी के लिए कोई सहायता नहीं मिल रही।

किसानों की माँग

  • पोर्टल के संपर्क नंबरों की नियमित जाँच हो।
  • बंद नंबर तुरंत चालू किए जाएँ।
  • 24×7 हेल्पडेस्क शुरू हो।
  • प्रशिक्षित कर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित हो।

किसानों का कहना है कि जब हेल्पलाइन ही बंद है, तो योजनाओं का लाभ कैसे मिलेगा? विभाग को तत्काल कदम उठाकर संवाद के माध्यम सुधारने चाहिए।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।