कढ़ी पत्ते का पेड़ अन्य नाम: बर्गेरा कोएनिजी, चल्कास कोएनिजी, उष्णकटिबंधीय तथा उप-उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में पाया जाने वाला रुतासी परिवार का एक पेड़ है, जो मूलतः भारत का देशज है। अक्सर रसेदार व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाले इसके पत्तों को “कड़ी पत्ता” कहते हैं। कुछ लोग इसे “मीठी नीम की पत्तियां” भी कहते हैं। इसके तमिल नाम का अर्थ है, ‘वो पत्तियां जिनका इस्तेमाल रसेदार व्यंजनों में होता है’। कन्नड़ भाषा में इसका शब्दार्थ निकलता है – “काला नीम”, क्योंकि इसकी पत्तियां देखने में कड़वे नीम की पत्तियों से मिलती-जुलती हैं। करी पत्ता में कई तरह के ऐसे विटामिन और मिनरल्स होते हैं जो शरीर के शुगर लेवल को कंट्रोल रखते हैं। इससे इंसान की सेहत अच्छी रहती हैं और शरीर में बीमारी होने के चांस कम जाते हैं। आज इसी विषय में जानने की कोशिश करेंगे करी पत्ता खाने से होने वाले फायदों के बारे में। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से।
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2 .करी पत्ता आपके शरीर में नेचुरल तरीके से इंसुलिन का निर्माण करता है। साथ ही यह दिल की मरीजों के लिए भी बहुत फायदेमंद है। आप सुबह उठकर 3 से 4 कढ़ी पत्ते पानी के साथ खा सकते हैं। इससे सेहत भी अच्छी रहेगी।
3 .दरअसल करी पत्ते में मौजूद एंटी हाइपरग्लाइसेमिक आपकी पाचन शक्ति को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। जितना हो सके हर सब्जी में इन पत्तों का इस्तेमाल करें। इससे पेट में कब्ज की समस्या नहीं होगी और शरीर सेहतमंद रहेगा।
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