वॉशिंगटन । वैज्ञानिकों ने अल नीनो के खतरे को भांपते हुए आगाह किया है। इससे दुनिया में गरमी बढ़ती ही जा रही है। दुनिया का औसत तापमान सोमवार 3 जुलाई को एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया था। पहली बार ऐसा हुआ जब वैश्विक औसत तापमान 17 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया। वैज्ञानिकों का मानना है कि अल-नीनो नामक प्राकृतिक मौसम घटना और इंसानों की ओर से कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के संयोजन से गर्मी बढ़ रही है।
वैज्ञानिकों ने पिछले महीने की पुष्टि दुनिया के अब तक के सबसे गर्म जून के रूप में भी की गई है। यहां यह बात गौरतलब है कि भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का तापमान बढ़ने की घटना अल-नीनो कहलाती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूएस नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल प्रेडिक्शन के वैज्ञानिकों ने कहा कि दुनिया का औसत तापमान 3 जुलाई को 17.01 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, जिसने अगस्त 2016 के बाद से 16.92 डिग्री सेल्सियस के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया।
एक और अहम जानकारी यह है कि वर्तमान में चीन भीषण हीटवेव का सामना कर रहा है और कुछ जगहों पर तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया है। दूसरी ओर दक्षिणी अमेरिका में भी दमघोंटू स्थिति बनी हुई है। 1979 में सैटेलाइट मॉनिटरिंग रिकॉर्ड शुरू होने के बाद से सोमवार का तापमान सबसे अधिक गर्म था। विशेषज्ञों का मानना है कि 19वीं शताब्दी के अंत में इंस्ट्रूमेंटल रिकॉर्ड शुरू होने के बाद से यह सबसे अधिक है। नया अधिकतम तापमान प्राकृतिक घटना अल-नीनो और कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन का एक संयोजन है।