तुम क्यों नहीं जागे मेरे राम

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sadbhawnapaati
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सदभावना पाती – अपूर्व भारद्वाज

इंदौर में राम नवमी के दिन हुए हादसे में 38 लोगो से ज्यादा की जान चली गई राम का नाम लेते लेते उनका राम नाम सत्य हो गया अब गुणी लोग जिम्मेदार खोज रहे है पर जिम्मेदार तो हम ही है जो आस्था को छोड़ आडंबरों में उलझे हुए है. आज इस घोरकलजुग मे जब धर्म चिरकुट चमत्कार से भरा चकाचोंध इवेंट बन कर रह गया है तो सादगी से भरे मर्यादा राम पुरुषोत्तम  इससे कैसे अछूते रहते

केवल एक रूद्राक्ष के लिये कड़ी धूप में 5 किलोमीटर लाइन में लगा भूखा प्यासा भक्त केवल इस आस में खड़ा रहा कि इस रुद्राक्ष से शिव उसके सारे दुख हर लेंगे पर किसी ने उसे यह नही बताया रुद्राक्ष तो तू स्वयं है क्योंकि शिव स्वयं तेरे शरीर मे है और तू जब रोता है तो शिव स्वयं रोते है शिव की आंख का आंसू ही तो रुद्राक्ष है जिसे तू पाने के लिए जगह जगह भटक रहा है.

2013 में केदारनाथ में सैकड़ो लोग धर्म की दुकानों के कारण काल के गाल में समा गए हर वर्ष सैकड़ो लोग धार्मिक स्थलो कि भगदड़ में मारे जाते है उनका असमय मर जाना किसी बलिदान से कम नही है कोई भी भगवान अपने भक्तों के कारण भगवान बनता है पर क्या इन भक्तों की इस निष्काम प्रेम को धर्म के ठेकेदार इसी तरह भुनाते रहेंगे. इन भक्तों के लिए तो कोई रामायण नही लिखी गई ढोंगी बाबाओं के नकली चमत्कार के सामने इनकी असली भक्ति कहीं छुप सी गई.इन पांखडी बाबाओं और गुरुओं के लिए करोड़ो मंदिर और आश्रम बने क्या आपने इन जैसे भक्तों का एक भी मंदिर देखा है ??

परिवार, समाज और देश जैसे भव्य भवन बनते है तो इंदौर में अपने प्राण गंवाकर अनेकों अनगिनत अनजाने आस्थावान भक्त नींव का पत्थर बनते है, इसलिए अगली बार मंदिर के शिखरों जब आप देखे तो उस जमीन को जरूर  प्रणाम कर लेना जँहा इंदौर के मंदिर में अपने हिस्से का बलिदान देकर मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जन्मदिन को सदा के लिए अमर कर गए और पूरा शासन प्रशासन सोता रहा पर आज वो भक्त अपने भगवान राम के पास पहुँचकर ज़रुर यही पूछ रहा होगा..
तुम क्यों नहीं जागे मेरे राम

#घोरकलजुग

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।