उद्धव ठाकरे ने कहा कि 40 सिर के रावण ने प्रभु श्रीराम का धनुष-बाण फ्रीज करवाया है. मुझे दुःख तो हुआ पर गुस्सा इस बात का है कि आपने आपकी मां के सीने में ही छुरा घोंप दिया. इस फैसले के बाद शिंदे गुट से ज्यादा खुशी बीजेपी को होगी कि देखो हमने आपके ही लोगों से आपकी शिवसेना फ्रीज करवा दी. अब कुछ लोग खुद ही शिवसेना प्रमुख बनना चाह रहे हैं, ये अब कुछ ज्यादा ही हो रहा है.
क्या कहा उद्धव ठाकरे ने?
उन्होंने कहा कि शिवाजी पार्क में दशहरा मेला न हो इसका प्रयास किया गया. दशहरे पर दो सम्मेलन हुए, एक तरफ फाइव स्टार इवेंट और दूसरी तरफ सुखी भाकरी खाकर आम आदमी शिवाजी पार्क आया था. उद्धव ठाकरे कौन है? मैं उद्धव बालासाहेब ठाकरे हूं इसलिए मेरी कीमत है. शिवाजी पार्क में हमारा वन बीएचके कमरा था. अचानक मेरे दादाजी ने बालासाहेब से पूछा था कि अपनी समस्या लेकर इतने लोग आ रहे हैं, कोई संगठन बनाओगे या नहीं. बालासाहेब ने कहा विचार चल रहा है. बालासाहेब को प्रबोधनकार ने कहा कि शिवसेना नाम रखो, ऐसे शिवसेना की शुरुवात हुई.
“शिवसेना की एकता तोड़कर क्या मिला?”
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम ने आगे कहा कि मराठी माणुष के भले के लिए महाराष्ट्र के हितों के लिए शिवसेना बनी थी. पहला चुनाव ठाणे पालिका में जीते, बाद में कई लोग शामिल हुए. हर संकट में, विपदा में शिवसैनिक डटकर खड़ा रहे हैं. कुछ लोगों को लगता है कि मैंने ही किया है बस, लेकिन ऐसा नहीं है बहुत लोग थे जिन्होंने त्याग बलिदान दिया.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना की एकता तोड़कर क्या मिला? शिवसेना के नाम से आपका क्या सम्बंध? जो शिंदे गुट है उनको भी समझ में नहीं आ रहा कि बीजेपी कैसे उनका इस्तेमाल कर रही है. जब आपका उपयोग खत्म होगा आपको भी फेंक दिया जाएगा जैसे ब्रांडेड कम्पनी का शरबत पीकर हम बोतल फेंक देते हैं. शिवसैनिकों को धमकाया जा रहा है. जो इमरजेंसी में इंदिरा गांधी ने नहीं किया उससे ज्यादा ज्यादती आज हो रही है.
“बालासाहेब चाहिए पर बालासाहेब का पुत्र नहीं”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी शिवसेना पर बैन लगाने की कोशिश नहीं की, लेकिन आप शिवसेना को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं. मुझे मेरे पिता और दादाजी ने सिखाया है कि आत्मबल आत्मविश्वास होगा तो डरने की जरूरत नहीं, मैं लड़खड़ाया नहीं, आप भी मत लड़खड़ाओ. अगर हिम्मत है तो बालासाहेब काे नाम का इस्तेमाल मत करो. आपको बालासाहेब चाहिए पर बालासाहेब का पुत्र नहीं. ठाकरे परिवार को छोड़कर शिवसेना को गुलाम बना के रखना है.
फैसले पर जताई नाराजगी
चुनाव आयोग के फैसले पर नाराजगी जताते हुए उद्धव ने कहा कि आयोग के इस निर्णय की मुझे अपेक्षा नहीं थी. मुझे न्यायदेवता पर विश्वास है, हमें इंसाफ मिलेगा. कल चुनाव आयोग के आदेश देने के बाद हमनें त्रिशूल, उगता सूरज और मशाल के 3 चिन्ह दिए हैं.