पत्नी से कहता था- मुझसे सिर्फ पैसों के लिए की शादी; गर्भ में पल रहे बच्चे का डीएनए टेस्ट करवाने की जिद

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sadbhawnapaati
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इंदौर में एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें पति ने पत्नी पर शक की इंतहा कर दी। पति को शक था कि पत्नी के गर्भ में पल रहा बच्चा उसका नहीं किसी और का है। वह डीएनए जांच की मांग करने लगा।

शक के कारण रिश्ते कैसे टूटते हैं, इसके कई किस्से सामने आते रहते हैं। लेकिन इंदौर में एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें पति ने पत्नी पर शक की इंतहा कर दी। पति को शक था कि पत्नी के गर्भ में पल रहा बच्चा उसका नहीं किसी और का है। वह डीएनए जांच की मांग करने लगा। बाद में पत्नी ने वन स्टॉप सेंटर सखी केंद्र में शिकायत की, जिसके बाद पति-पत्नी में समझौता हुआ।

दरअसल पति-पत्नी के बीच विवाद का यह मामला जब वन स्टॉप सेंटर के सखी केंद्र में पहुंचा तो वे भी हैरान हो गए। मामूली बात पर रिश्ते उलझ गए और नौबत यह आ गई कि गर्भस्थ शिशु भी इसकी जद में आ गया। सखी केंद्र की प्रशासिका वीएस परिहार ने बताया कि विवाहिता ने कुछ दिन पहले शिकायत की। इसमें अपने पति द्वारा शारीरिक-मानसिक प्रताड़ित करने की बात कही थी। इससे वह परेशान हो चुकी है। पति हमेशा यह शक करता है कि उसके किसी और से नाजायज संबंध हैं। वह जिस जगह काम करने जाती है वहां भी पति अक्सर जाता है और पूछताछ करता है कि वह कहां है, क्या काम कर रही है। घर पर भी बात बात पर ताने मारता है।

आरोप लगाता है कि सिर्फ पैसो के लिए वह साथ रहती है, लेकिन रिश्ते किसी और से हैं। यहां तक भी ठीक था लेकिन बात तब बढ़ गई जब पति गर्भ में पल रहे शिशु पर भी शक करने लगा। वह कहता है कि यह बच्चा उसका नहीं है। डीएनए टेस्ट की बात कहता है। इसके चलते घर तबाह हो रहा है। सखी केंद्र ने शिकायत के बाद दोनों पक्षों से अलग-अलग चर्चा की। बाद में एक साथ बुलाया और बात की। सामाजिक और कानूनी पहलुओं से दोनों को अवगत कराया। पति को बताया कि बिना किसी सबूत के पत्नी के चरित्र पर शंका करना भी हिंसा की श्रेणी में आता है। पत्नी को भी समझाया कि वह बुजुर्ग माता-पिता की सेवा करे। ऐसा न करने पर कार्रवाई हो सकती है। काफी देर तक दोनों की काउंसलिंग की और बाद में दोनों साथ रहने के लिए राजी हुए।

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