एनकाउंटर पर विजय उर्फ उस्मान की पत्नी ने उठाए सवाल, हम हिंदू हैं, पर हमें मुसलमान बता रहे हम अतीक अहमद को नहीं जानते

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प्रयागराज। उमेश पाल हत्याकांड में प्रयागराज पुलिस ने सोमवार तड़के एक एनकाउंटर किया। एनकाउंटर में उमेश पाल को पहली गोली मारने वाले विजय चौधरी उर्फ उस्मान को मार गिराया गया। अब विजय के एनकाउंटर पर उसकी पत्नी ने सवाल उठाकर कहा कि हम अतीक अहमद को नहीं जानते थे और मेरे पति का नाम सिर्फ विजय चौधरी है। प्रयागराज के कोधियारा इलाके के रहने वाले विजय चौधरी को सोमवार तड़के मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया।
रोती-बिलखती पत्नी कह रही थी कि हम लोग हिंदू हैं, जबरदस्ती हम लोगों का नाम उस्मान बताया जा रहा है। पत्नी ने कहा कि मेरे पति के साथ मुझे भी मार दिया जाए क्योंकि मेरे आगे पीछे कोई नहीं है, मैं किसके सहारे जीवन जिऊंगी। पत्नी का कहना है कि हम लोग किसी अतीक को नहीं जानते हैं, वह (विजय चौधरी) तब सीधे थे सिर्फ गाड़ी चलाया करते थे।
हालांकि, पुलिस का दावा है कि विजय चौधरी ने ही उमेश पाल पर पहली गोली चलाई थी। उसकी ही गोली से सरकारी गनर की भी मौत हुई है। पुलिस की माने तब विजय चौधरी का नाम अतीक के बेटों ने उस्मान रखा था और वह अतीक अहमद गैंग का शॉर्प शूटर है। उमेश पाल की हत्या में उसने ही पहली गोली चलाई थी, जिसके बाद कई शूटरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की। बताया जा रहा है कि प्रयागराज पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड में शामिल पांच बदमाशों की शिनाख्त कर ली थी, लेकिन पहली गोली चलाने वाले विजय उर्फ उस्मान को पहचान नहीं पा रही थी। पुलिस ने फिर अपने मुखबिरों को सक्रिय किया। पुलिस के पास एक कॉल आई, जिसने विजय के बारे में जानकारी दी।
इसके बाद प्रयागराज पुलिस ने आउटर एरिया में विजय उर्फ उस्मान को पकड़ने का जाल बिछाया। तड़के जैसे ही पुलिस ने विजय उर्फ उस्मान को पकड़ने की कोशिश की, तब फायरिंग शुरू हो गई। इस दौरान एक सिपाही घायल हो गया। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में विजय उर्फ उस्मान ढेर हो गया। विजय उर्फ उस्मान को अतीक गैंग का अहम सदस्य बताया जा रहा है। 24 फरवरी को प्रयागराज में राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल जैसे ही अपनी क्रेटा कार से उतरे थे, तभी घात लगाकर बैठे विजय उर्फ उस्मान ने फायरिंग शुरू की और गोली लगते ही उमेश जमीन पर गिर पड़े।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।