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आदिवासी आंदोलन के बाद मणिपुर में भड़की हिंसा, सेना ने संभाला मोर्चा 

हिंसा को लेकर बीजेपी पर भड़की कांग्रेस
सीआरपीएफ की 15 कंपनियां तैनाती के लिए मौजूद
इंफाल। मणिपुर में आदिवासी आंदोलन के दौरान कई जिलों में हिंसा भड़क गई है। कई जिलों में कर्फ्यू लगाया गया। साथ ही इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई है। हालात को काबू में करने के लिए सेना की मदद ली जा रही है। कई इलाकों में सेना के जवानों को तैनात किया गया है।
भारतीय सेना की ओर से जारी बयान में बताया गया कि मणिपुर में प्रशासन के अनुरोध पर कार्रवाई करते हुए तीन मई की शाम से सभी प्रभावित इलाकों में सेना और असम राइफल्स की तैनाती कर दी गई है। हिंसा प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। कानून-व्यवस्था बहाल करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
मणिपुर सरकार ने बताया कि कई जिलों में पहले ही कर्फ्यू लगा दिया गया है। साथ ही अगले पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं भी बंद हैं। इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम, बिष्णुपुर, चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। आदेश में बताया गया कि राज्य में ब्रॉडबैंड सेवाएं चालू हैं।
हिंसा को लेकर बीजेपी पर भड़की कांग्रेस, कहा- नफरत की राजनीति, सत्ता का लोभ जिम्मेदार
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि इस स्थिति के लिए भारतीय जनता पार्टी की नफरत एवं विभाजन की राजनीति तथा सत्ता का उसका लोभ जिम्मेदार है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर के इस राज्य में सभी पक्षों को संयम बरतना चाहिए।
खरगे ने ट्वीट किया, मणिपुर जल रहा है। भाजपा ने समुदायों के बीच दरार पैदा की है और इस खूबसूरत राज्य की शांति को भंग कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया, भाजपा की नफरत और विभाजन की राजनीति तथा सत्ता का लोभ इस समस्या के लिए जिम्मेदार है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, हम सभी पक्षों के लोगों से संयम बरतने और शांति को एक मौका देने की अपील करते हैं।
सीआरपीएफ की 15 कंपनियां तैनाती के लिए मौजूद
अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्री ने मणिपुर के मुख्यमंत्री से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने उन्हें जमीनी हालात तथा शांति बहाल करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। संवेदनशील स्थानों पर सेना तथा असम रायफल्स के जवानों को पहले ही तैनात किया जा चुका है। इन दो बलों के अलावा पर्याप्त संख्या में अर्धसैनिक बल के जवान हिंसा प्रभावित इलाकों में तैनाती के लिए मणिपुर में मौजूद हैं।
सूत्रों ने बताया आरएएफ की पांच कंपनियों को वायुसेना के विशेष विमान से इंफाल भेजा गया है वहीं 15 अन्य सामान्य ड्यूटी कंपनियों को राज्य में तैनाती के लिए तैयार रहने को कहा गया है। सूत्रों ने बताया कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की 15 कंपनियां मणिपुर में तैनाती के लिए मौजूद हैं।
गौरतलब है कि मैतेई समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को रैली का आयोजन हुआ था। ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर ने इस एक रैली का आयोजन किया था। इस दौरान हिंसा भड़क गई। प्रदर्शनकारियों ने कई घरों में तोड़फोड़ की है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि रैली में हजारों आंदोलनकारियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान तोरबंग इलाके में आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा भड़क गई। इसके बाद कई और जिलों में भी हिंसा की खबरें आई। उधर, मणिपुर के हालात पर गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से बातचीत की है। शाह ने उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया है।
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