सद्भावना पाती – डॉ देवेन्द्र
Indore News in Hindi। शहर में असामाजिक तत्व लगातार हावी होते नजर आ रहे हैं, गुरुवार को पिपल्याहाना से मूसाखेड़ी के बीच सर्विस रोड पर विश्व हिन्दू परिषद् के प्रान्त प्रशासनिक संपर्क प्रमुख संतोष शर्मा की गाडी में किसी ने हरे लिफाफे में एक पत्र छोड़ा पत्र में संतोष शर्मा को काफिर बताते हुए धमकी दी गई गुस्ताख-ए-रसूल की एक ही सजा
सर तन से जुदा सर तन से जुदा. संतोष द्वारा जब शिकायत करने आजाद नगर थाने पहुंचे तो वहां केस तिलक नगर क्षेत्र का बताकर उन्हें तिलक नगर थाने रवाना कर दिया गया जहाँ उनका आवेदन स्वीकार हुआ.
वकील पर हुआ था हमला
सोमवार को इंदौर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की जासूस को पकड़वाने वाले वकील मनीष गड़कर पर 3 लोगों ने हमला कर दिया था। आरोपियों ने कहा था- ‘आजकल फेसबुक पर मुस्लिमों के खिलाफ बहुत पोस्ट डाल रहे हो, तूने अजान के खिलाफ भी मुहिम चलाई थी, समझ जा नहीं तो तुझे खत्म कर देंगे, हिंदुस्तान में इतनी घटनाएं हो रही सिर तन से जुदा वाली याद नहीं क्या तुझे समझ में नहीं आ रही।’
शहर में पनाह नहीं मिलेगी- कैलाश विजयवर्गीय
वकील पर हुए हमले को लेकर तीन दिन पूर्व प्रेस कांफ्रेस में भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि ऐसा हम बर्दाश्त नहीं करेंगे, ऐसी ताकतों को हम कुचल कर रहेंगे। इन ताकतों को इंदौर में पनपने नहीं दिया जाएगा हम प्रशासन से कहेंगे कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे, हम भी सक्षम हैं इस मामले में हम बिलकुल दृढ़निश्चय है। इंदौर में इस प्रकार की ताकतों को पनाह देने वालों को भी शहर में पनाह नहीं मिलेगी।
सद्भावना पाती से बातचीत में घटना की जानकारी देते हुए संतोष शर्मा ने बताया कि –
मुझे विश्व हिन्दू परिषद् के मालवा प्रान्त के प्रशासनिक संपर्क प्रमुख का दायित्व दिया गया है, मैं लगातार धर्म परिवर्तन एवं लव जिहाद के मुद्दों को मुखरता से उठाता रहा हूँ गुरुवार को मै पिपल्याहाना से मूसाखेड़ी के बीच सर्विस रोड पर लघुशंका के लिए रुका जब वापस आया तो देखा कि गाडी के बोनट पर एक हरे रंग का लिफाफा पड़ा है खोलकर देखा तो एक पत्र निकला जिसमे लिखा था गुस्ताख-ए-रसूल की एक ही सजा सर तन से जुदा सर तन से जुदा.बाकि शब्द अपठनीय थी मैं उसे लेकर नजदीकी थाने आजाद नगर पहुंचा जहाँ से पता चला कि केस तिलक नगर थाने का है फिर वहां जाकर मैंने आवेदन दिया.
तिलक नगर थाने से सउनि गणेश मुजाल्दा ने सद्भावना पाती को बताया कि आवेदन स्वीकार कर लिया गया है प्रकरण की जांच जारी है.
सद्भावना विचार- ये घटना शहर प्रशासन व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, पहले सर तन से जुदा के नारे के नाम पर कन्हैया लाल और उमेश कोल्हे जैसे लोगों का राजस्थान में बेरहमी से कत्ल कर दिया जाना, इंदौर में इसके नारे लगना और फिर धर्म प्रचारक को इस तरह का पत्र मिलना दहशत फैलाने और लोगों को डराने का जरिया बनता जा रहा है। यहाँ सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर ये नारा आया कहाँ से क्योंकि इस्लाम में जो सबक बताए गए हैं उनमें कही भी सर तन से जुदा का जिक्र नहीं है न कुरान में कहीं कहा गया है कि सर तन से जुदा करो, तो फिर ये बवाल शुरू हुआ कैसे?
दरअसल साल 2011 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गवर्नर सलमान तासीर की हत्या कर दी गई थी, सलमान तासीर ने पाकिस्तान के बदनाम ईशनिंदा कानून की आलोचना की थी जिसके बाद उन्हीं के बॉडीगार्ड मुमताज कादिरी ने सलमान तासीर को गोली मार दी।
खादिम हुसैन रिजवी के कट्टरपंथी संगठन तहरीक ए लब्बैक ने हत्यारे मुमताज को गाजी की उपाधि दी थी इसी दौर से दो नारे निकले थे। पहला- लब्बैक रसूल अल्लाह और दूसरा गुस्ताख ए नबी की एक ही सजा, सर तन से जुदा, सर तन से जुदा। साल 2015 आते आते खादिम की तहरीक ए लब्बैक ने इस नारे को काफी प्रचलित किया और धीरे धीरे ये वार क्राई का रूप भी लेने लगा, साल 2018-19 में भारत के इस्लामी कट्टरपंथियों ने इस नारे को अपनाना शुरू किया। अब ये भारत में विभिन्न इस्लामी कट्टरपंथियों के प्रदर्शन में भी सुना जाने लगा है।
अब देखना यह होगा कि शहर प्रशासन इन घटनाओं पर रोक लगाने और सद्भावना कायम करने में कितना सफल हो पात़ा है…