इंदौर में सॉफ्टवेयर की मदद से पानी पर पहरा

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sadbhawnapaati
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अब सॉफ्टवेयर के माध्यम से जुड़ेंगे निगम व नर्मदा प्रोजेक्ट अफसरों को नर्मदा का पानी टंकी से कहां खर्च हुआ मोबाइल पर मिलेगी जानकारी,मूसाखेड़ी स्थित बने कंट्रोल रूम पर 24 घंटे तैनात रहते हैं रामको कंपनी के कर्मचारी |

इंदौर.  नर्मदा का पानी शहर में आते-आते काफी महंगा होता है और इसको लेकर पिछले दिनों प्रदेश सरकार की ओर से दरें महंगी होने का विरोध भी हुआ था। अब हालत यह है कि पानी पर पूरी तरह से पहरा बिठा दिया है। वैसे देखा जाए तो जल वितरण व्यवस्था की कंट्रोल रूम बिजलपुर क्षेत्र में बनी हुई है और उसी अनुसार शहर में जल वितरण होता है। इसके बावजूद मुसाखेड़ी क्षेत्र में पानी पर निगरानी रखी जा रही है।

बताया जाता है कि इसको लेकर काफी समय पहले से ही तैयारियां की गई थी  अब शहर में अमृत योजना के तहत नई बन रही पानी की टंकियों पर भी निगाह रखी जाएगी। मुसाखेड़ी स्थित बने कंट्रोल रूम पर 24 घंटे रामको कंपनी के कर्मचारी तैनात रहते हैं जो पानी को वेस्ट नहीं जाने देते और कंट्रोल रूम पर बने आधुनिक सॉफ्टवेयर के माध्यम से सारी जानकारी एकत्र हो जाती है।

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अभी रामको एंड कंपनी के कर्मचारियों द्वारा शहर की 86 टंकियों पर निगाह रखी जा रही है जिसका स्काडा सॉफ्टवेयर के माध्यम से मूसाखेड़ी में कंट्रोल रूम बना है। यहां अब सॉफ्टवेयर से नर्मदा प्रोजेक्ट व नगर निगम अधिकारियों को मोबाइल पर ही टंकियों की जानकारी मिल जाएगी। अभी हाल ही में इस तरह की तैयारी सॉफ्टवेयर के माध्यम से की गई है 86 पानी की टंकियां ऑनलाइन दिख रही है कि उक्त टंकी में कितना पानी भरा है ? और पानी कहां पर जा रहा है ?

मुसाखेड़ी स्थित कंट्रोल रूम से सारी जानकारी मिलने के साथ ही शहर को 7 भागों में बांटा गया है जिसमें देवधर्म, डब्ल्यूआरएफ़ , रिंग रोड बीएसएफ वन और टू , बायपास आदि क्षेत्र है जिसके आधार पर ऑटोमेटिक पहले टंकी में पानी भरने के लिए वालों चालू करना होता है और टंकी भरने के बाद अपने आप ही पानी आना बंद हो जाता है । इस तरह की व्यवस्था सॉफ्टवेयर के माध्यम से मोबाइल पर भी किए जाने की तैयारी है जिसमें नगर निगम अधिकारियों के साथ ही नर्मदा प्रोजेक्ट अफसरों को भी जोड़ा जाएगा। पहले टंकियों में पानी भरने के लिए कर्मचारी को फोन किया जाता था और संबंधित टंकी का वोल्व खोलने के बाद पानी भरा जाता और पानी वेस्टेज भी होता था। हालांकि बीजलपुर कंट्रोल रूम से ही पानी सप्लाई होता है लेकिन ऑटोमेटिक कंट्रोल रूम मुसाखेड़ी में सेंटर बना है जिसके माध्यम से एक तरह से पानी पर पहरा है और निगाह 24 घंटे कर्मचारी रखते हैं। अब मोबाइल पर सॉफ्टवेयर तैयार कर निगाह रखने की तैयारी है जो सॉफ्टवेयर के माध्यम से होगा।

नर्मदा प्रोजेक्ट मुख्य अभियंता संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि अभी तो मूसाखेड़ी कंट्रोल रूम पर रामको एंड कंपनी कर्मचारियों द्वारा 24 घंटे निगाह रखी जा रही है और टंकियों को भरा जा रहा है। अब सॉफ्टवेयर के माध्यम से अधिकारियों के मोबाइल डिवाइस के माध्यम से जोड़ा जा सकता है इसके लिए नया सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।