नई दिल्ली: लंबे समय तक आतंकवाद और अस्थिरता के दौर से गुजरे जम्मू-कश्मीर के लिए पीएम मोदी ने गुरुवार को कहा कि वह ‘दिल्ली की दूरी’ के साथ ही ‘दिलों की दूरियों’ को मिटाना चाहते हैं. लगभग दो साल पहले जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद-370 के तहत प्राप्त विशेष दर्जे को खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद वहां के राजनीतिक नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री ने यह बात कही.
बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, नेशनल कांफ्रेंस के फारूख अब्दुल्ला, उनके पुत्र उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की महबूबा मुफ्ती और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद सहित चार पूर्व मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया. लगभग साढ़े तीन घंटे तक चली इस बैठक में पूर्ववर्ती राज्य के चार पूर्व उपमुख्यमंत्रियों और अन्य विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
सर्वदलीय बैठक की 10 बड़ी बातें
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- कश्मीरी नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक का मुख्य मुद्दा केंद्रशासित प्रदेश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करना था. प्रधानमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों को आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में इसकी बहाली को लेकर प्रतिबद्ध है.
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- बैठक में परिसीमन के बाद वहां चुनाव कराने को लेकर चर्चा हुई और लगभग सभी राजनीतिक दलों ने इस पर अपनी सहमति जताई. पीएम मोदी ने बैठक में कहा कि जम्मू-कश्मीर में यदि एक भी जान जाती है तो वह बहुत दुखद है और भावी पीढ़ी की सुरक्षा करना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है.
- बैठक में जम्मू-कश्मीर में हुए विकास और जनहित के कार्यों को लेकर भी विस्तृत चर्चा हुई. उन्होंने विकास की गति पर संतोष जताया और कहा कि इससे जम्मू-कश्मीर के लोगों में आकांक्षाओं की उम्मीद की किरण जग रही है.
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- पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त शासन मिलता है तो इससे लोगों में विश्वास की बहाली होती है. राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन सभी को राष्ट्रहित में काम करना चाहिए ताकि प्रदेश की जनता को इसका फायदा मिल सके.
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- बैठक में शामिल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया और शांतिपूर्ण चुनाव जम्मू-कश्मीर में पूर्ण राज्य की बहाली के प्रमुख मील के पत्थर हैं.
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- कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने बैठक में सबसे पहले राज्य का दर्जा बहाल करने और उसके बाद विधानसभा चुनाव कराने की मांग रखी. कांग्रेस की ओर से यह मांग भी उठाई गई कि जमीन, रोजगार के मामलों में राज्य के डोमेसाइल (मूल नागरिकों) को गारंटी दी जाए और राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाए.
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- नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री से अपील की कि जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल कर विश्वास कायम करने की दिशा में काम किया जाए.
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- पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री मुजफ्फर हुसैन बेग ने भी कहा कि केंद्र की ओर से बैठक में आश्वासन दिया गया कि परिसीमन की प्रक्रिया खत्म होते ही चुनाव की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी. अधिकांश राजनीतिक दलों ने बैठक में पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने और विधानसभा चुनाव कराने की मांग उठाई.
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- जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को “बढ़ावा” बंद करने तक पाकिस्तान के साथ बातचीत का विरोध करते हुए बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने बैठक में कहा कि पड़ोसी देश के साथ बातचीत की मांग करने वालों को हिंसा के पीड़ितों से मिलकर उनके दर्द को समझना चाहिए.
- 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर सर्वदलीय बैठक साढ़े तीन घंटे तक चली. इसमें दिग्गज राजनेता और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला सहित 14 नेताओं ने भाग लिया.
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