उच्च शिक्षा के बड़े केंद्र और बहुविषयक संस्थान बनने की ओर बढ़ेंगे संस्कृत विश्वविद्यालय – केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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Education News. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि संस्कृत विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के बड़े केंद्र और बहुविषयक संस्थान बनने की ओर बढ़ेंगे।
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय उत्कर्ष महोत्सव के अंतिम दिन प्रधान ने अपने संबोधन में यह टिप्पणी की।
नई शिक्षा नीति में संस्कृत सहित सभी भाषाओं को महत्व दिया
उन्होंने कहा कि संस्कृत सिर्फ एक भाषा नहीं है, यह एक भावना है। हमारा ज्ञान और भाषाई संस्कृति हमारी संपत्ति है। प्रधान ने केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में उत्कर्ष महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में परिकल्पना के अनुसार, सरकार ने संस्कृत सहित सभी भारतीय भाषाओं को महत्व दिया है।
उन्होंने कहा कि सदियों से अपनी सभ्यता को आगे ले जाने की जिम्मेदारी हम सभी पर है। संस्कृत शिक्षा छात्रों के लिए रोजगार के अधिक अवसर पैदा करेगी।

संस्कृत वैज्ञानिकता को किसी प्रमाण की आवश्यकता नही

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि ह्वेन त्सांग के समय से लेकर आज के रायसीना संवाद तक, संस्कृत की सहजता, आधुनिकता और वैज्ञानिकता को किसी प्रमाण की आवश्यकता नहीं है।
विभिन्न भारतीय भाषाओं को एकजुट करने में संस्कृत का बहुत बड़ा योगदान है और संस्कृत विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के बड़े बहु-विषयक संस्थान बनने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
21वीं सदी की शिक्षा प्रणाली का रोडमैप
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि मुझे आशा है कि उत्कर्ष महोत्सव के दौरान हुए विचार-विमर्श भारत बनाने के लिए 21वीं सदी की शिक्षा प्रणाली का रोडमैप दिखाएगा।
आत्मनिर्भर भारत के तौर पर हम वैश्विक कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। उत्कर्ष महोत्सव के पीछे का उद्देश्य पूरे देश और उसके बाहर संस्कृत भाषा को बढ़ावा देना था।
इसका फोकस संस्कृत अध्ययन के वैश्विक अभिविन्यास की ओर बढ़ते हुए एक नया शैक्षिक युग विकसित करना है।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।