क्या कोरोना वैक्सीन की अब तीसरी डोज भी लगवानी होगी?
कोरोना वैक्सीन की दो डोज लगने के बाद अब तीसरी डोज यानी बूस्टर डोज की बात चल रही है. सवाल है कि क्या बूस्टर डोज की जरूरत है. क्या दो डोज के बाद भी कोरोना से सुरक्षित नहीं हैं आप. इस बारे में भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद के निदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 रोधी टीके की जरूरत के समर्थन में अब तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं आया है. उनकी इस बात से तीसरी डोज़ की चर्चा पर थोड़ी लगाम लग सकती है.
हाल ही में भारत सरकार की ओर से कोरोना की दो डोज के बाद बूस्टर डोज की बात सुनने में आई थी. सूत्रों का यह भी दावा है कि भारत में टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) की अगली बैठक में बूस्टर खुराक को लेकर चर्चा की जा सकती है. हाल ही में इस बारे में केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा था कि टीकों का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है. पूरी आबादी को दोनों टीके लगाने का लक्ष्य है. बूस्टर डोज के बारे में विशेषज्ञों की सिफारिश के आधार पर फैसला किया जाएगा.
वहीं, अब भार्गव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कोविड के खिलाफ बूस्टर खुराक की जरूरत का समर्थन करने के लिए फिलहाल वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं. बता दें कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए तेजी से वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है. कोरोना की दो वैक्सीन सभी को लगाई जा रही हैं. दोनों डोज के बीच लगभग 80 दिन का अंतर आमतौर पर रखा जा रहा है. सरकार युद्ध स्तर पर कोरोना वैक्सीन लगाने का दावा कर रही है. इस वैश्विक बीमारी से बड़ी संख्या में मौत हो चुकी हैं.