योग: शरीर, मन और ऊर्जा का अद्भुत संतुलन – शिवानी मालवीय

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sadbhawnapaati
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योग प्रशिक्षक की शिवानी मालवीय कलम से

संपर्क – 7045104318

आज की व्यस्त दिनचर्या, तनावपूर्ण वातावरण और असंतुलित जीवनशैली के बीच योग सिर्फ व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला बन चुका है। योग शरीर, मन और चेतना—इन तीनों को जोड़कर मनुष्य को उसकी वास्तविक शक्ति का अनुभव करवाता है। योग प्रशिक्षक शिवानी मालवीय के अनुसार, “योग शरीर को लचीला और स्वस्थ बनाता है, लेकिन उसका असली प्रभाव हमारे विचारों, व्यवहार और आत्मविश्वास पर दिखाई देता है।”

योग: कालातीत विज्ञान

योग की उत्पत्ति हजारों वर्ष पूर्व भारत में हुई और आज दुनिया इसे जीवन का सबसे वैज्ञानिक और प्राकृतिक उपचार मान रही है। योगासन, प्राणायाम, ध्यान, आहार और जीवन मूल्य—ये सभी मिलकर योग की पूर्णता बनाते हैं। शिवानी बताती हैं कि योग किसी आयु, शरीर या परिस्थिति से बंधा हुआ नहीं है; हर व्यक्ति अपने स्तर पर इसका अभ्यास शुरू कर सकता है।

आधुनिक जीवन में योग की आवश्यकता

मोबाइल, लैपटॉप और मशीनों पर निर्भरता ने शरीर को निष्क्रिय और मन को तनावपूर्ण बना दिया है। लगातार तनाव, चिंता, अवसाद, अनिद्रा, मधुमेह, मोटापा और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां तेज़ी से बढ़ रही हैं। योग प्रशिक्षक शिवानी मालवीय कहती हैं कि योग का नियमित अभ्यास इन सभी समस्याओं में एक प्राकृतिक समाधान की तरह कार्य करता है।
• प्राणायाम फेफड़ों और मस्तिष्क को ऊर्जा देता है
• आसन शरीर की मांसपेशियों को शक्ति और लचीलापन देते हैं
• ध्यान मन को शांति, स्थिरता और सकारात्मकता देता है

शिवानी मालवीय का अनुभव

शिवानी मालवीय पिछले कई वर्षों से योग साधना में सक्रिय हैं। उन्होंने योग को केवल शारीरिक मुद्रा नहीं बल्कि जीवन दर्शन के तौर पर अपनाया है। वे नियमित रूप से योग शिविर, व्यक्तिगत प्रशिक्षण, ऑनलाइन सत्र और वर्कशॉप्स के माध्यम से लोगों को योग से जोड़ रही हैं।
उनका मानना है कि हर व्यक्ति की शरीर रचना और जरूरत अलग होती है, इसलिए योग सिखाने का तरीका भी व्यक्तिगत और वैज्ञानिक होना चाहिए।

शुरुआत कैसे करें?

शिवानी मालवीय योग शुरू करने वाले लोगों के लिए कुछ सरल सुझाव देती हैं—

1. सुबह खाली पेट योग करें
2. सरल आसनों से शुरुआत करें
3. साँसों पर नियंत्रण बनाएं
4. शरीर पर ज़ोर न डालें
5. रोज 20–30 मिनट का नियमित अनुशासन अपनाएं

योग: बदलाव की शुरुआत

योग का अभ्यास धीरे-धीरे जीवन में बदलाव लाता है। कुछ दिनों में शरीर हल्का महसूस होता है, कुछ सप्ताह में मन शांत और कुछ महीनों में विचारों में सकारात्मकता दिखने लगती है। योग के साथ व्यक्ति स्वस्थ शरीर, शांत मन और संतुलित जीवन जी पाता है।

शिवानी मालवीय कहती हैं— “योग करने वाला व्यक्ति खुद से जुड़ता है, और अपने अंदर छुपी शक्तियों को पहचान कर जीवन को सुंदर बनाता है।”

योग कोई ट्रेंड नहीं, यह हमारे वंशों का ज्ञान और आध्यात्मिक विरासत है। आज जब दुनिया भारत से योग सीख रही है, तब हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम योग को अपने दैनिक जीवन में शामिल करें। शिवानी मालवीय जैसे प्रशिक्षक योग की असली भावना को लोगों तक पहुँचा रहे हैं, जिससे समाज में स्वस्थ, सकारात्मक और ऊर्जावान जीवन शैली का विस्तार हो रहा है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।