म. प्र. सरकार ने कर्मचारियों की पेंशन योजना में चार फीसद अंशदान सहित महत्वपूर्ण निर्णय लिए, देखें

sadbhawnapaati
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वर्ष 2005 के बाद भर्ती हुए अधिकारियों-कर्मचारियों की पेंशन योजना में सरकार अपना अंशदान बढ़ाएगी। राष्ट्रीय पेंशन योजना में अभी सरकार दस फीसद अंशदान देती है। इसे बढ़ाकर केंद्रीय कर्मचारियों की तरह 14 फीसद किया जाएगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होने वाली कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया जाएगा। इस फैसले से चार लाख से ज्यादा कर्मचारी लाभान्वित होंगे।

शिवराज सरकार ने वर्ष 2021-22 के बजट से पहले राष्ट्रीय पेंशन योजना में अपना अंशदान चार फीसद बढ़ाने की सैद्धांतिक सहमति दे दी थी। अंतिम निर्णय कैबिनेट में होना है। वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आइएएस, आइपीएस और आइएफएस अधिकारियों को पहले से 14 फीसद अंशदान का लाभ मिल रहा है। इसे अब राज्य के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए भी लागू किया जाएगा।

वहीं, वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर खरीदे चमक विहीन गेहूं का वित्तीय भार सरकार उठाएगी। इस पर करीब 30 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार आ रहा है। दरअसल, केंद्र सरकार एक सीमा तक ही चमक विहीन गेहूं लेती है। यदि इससे अधिक की खरीद होती है तो उसका आर्थिक भार राज्य को ही उठाना पड़ता है।

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बैठक में इसके अलावा सिनेमा से जुड़े सभी विषयों को वाणिज्यिक कर विभाग से लेकर नगरीय विकास एवं आवास को देने, कृषक मित्र के चयन संबंधी निर्देशों में संशोधन, राज्य व जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के शेष कर्मचारियों के संविलियन के लिए योजना अवधि बढ़ाने, तिलहन संघ के पचामा सीहोर स्थित सोयाबीन प्रसंस्करण संयंत्र की मशीनोें को साढ़े सात करोड़ रुपये और ग्वालियर में अल्फा नगर कॉलोनी की परिसंपत्ति को 5.87 करोड़ रुपये में सबसे अधिक बोली लगाने वाले निविदाकार को देने के संबंध में विचार किया जाएगा।

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