इंदौर जिले की 312 ग्राम पंचायतों में से 296 में कोरोना संक्रमितों के केस मिले हैं। ग्रामीण क्षेत्र में अब तक 6 हजार 303 कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं। इनमें से 92 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। जिले की 95 प्रतिशत ग्राम पंचायतों में कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्र में गुरुवार को 240 और शुक्रवार को 225 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। सर्वाधिक कोरोना पॉजिटिव महू विकासखंड में ही हैं, लेकिन सांवेर विकासखंड में भी संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। शुक्रवार को सर्वाधिक कोरोना 95 कोरोना संक्रमित सांवेर विकासखंड में मिले।
बहरहाल, महू ग्रामीण क्षेत्र में कुल 2519 केस हो चुके हैं तो सांवेर ग्रामीण में 2012 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें से महू विकासखंड में 34 तो सांवेर विकासखंड में 19 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। इंदौर विकासखंड में 912 और देपालपुर विकासखंड में 860 लोग अब तक पॉजिटिव हो चुके हैं। इससे जाहिर है कि ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना का ज्यादा संक्रमण महू और सांवेर में ही है। जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 4121 लोग अब भी कोरोना संक्रमित होकर इलाज करवा रहे हैं।
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इंदौर जिले का शिप्रा देवास जिले की सीमा पर है। यहां के स्वास्थ्य केंद्र पर कोरोना के नमूने लेकर जांच की जा रही है। पर यहां दिलचस्प स्थिति बनी हुई है। यहां शिप्रा और इंदौर जिले के आसपास के गांवों के लोग तो जांच के लिए आ ही रहे हैं, लेकिन देवास जिले के सीमावर्ती गांवों के लोग भी जांच के लिए आ रहे हैं। उनको जांच के लिए देवास जिला मुख्यालय जाना पड़ता है, जबकि शिप्रा उनको नजदीक और सुविधाजनक भी लगता है, इसलिए वे यहीं अपने नमूने दे रहे हैं। ग्रामीणों की समस्या देखकर शिप्रा केंद्र के स्वास्थ्य अधिकारी भी उनके नमूने लेकर जांच में सहयोग कर रहे हैं।
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