प्रशासन का बड़ा फैसला अब सीधे अस्पतालों में पहुंचेंगेब्लैक फंगस के इंजेक्शन,इंदौर में लॉकडाउन में भी मिल सकेंगे फल-सब्जी और किराना

sadbhawnapaati
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इंदौर में अब ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों के परिजनों को इंजेक्शन के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. इंजेक्शन अब अस्पताल में ही उपलब्ध होंगे. किल्लत और परेशानी को देखते हुए प्रशासन ने इंजेक्शन की सप्लाई सीधे अस्पतालों को करने का फैसला किया है. इंदौर शहर में प्रदेश का पहला ब्लैक फंगस केयर सेंटर स्थापित करने का निर्णय भी लिया गया है.  राधा स्वामी सत्संग परिसर में बनाए जा रहे इस सेंटर में नेजल एंडोस्कोपी, इकोकार्डियोग्राफी, ईसीजी, फिजियोथेरेपी सहित अन्य जांच निशुल्क हो सकेगी.
इंदौर के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने बताया कि इस समय इंदौर में ब्लैक फंगस के 330 मरीज हैं. इन सभी का शहर के एम.वाय. सहित 17 हॉस्पिटल्स में इलाज किया जा रहा है. इंजेक्शन दवाओं की किल्लत को देखते हुए सरकार इसकी व्यवस्था करने में जुटी है. सरकार की कोशिश जारी है. दवा कंपनियों से सीधी बात की जा रही है और जल्द ही सप्लाई शुरू हो जाएगी.
और इधर हाई कोर्ट ने इंदौर को दी लॉकडाउन में राहत

इंदौर में कोरोना की चेन तोड़ने के लिए प्रशासन द्वारा 20 मई को सख्त लॉकडाउन के आदेश जारी कर दिए गए थे। इसे लेकर हाई कोर्ट ने सोमवार को नाराजगी जाहिर की। आदेश को याचिकाकर्ता चंचला गुप्ता की ओर से अधिवक्ता अभिनव मल्होत्रा ने जबलपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। चीफ जस्टिस मो. रफीक, जस्टिस अतुल श्रीधरन की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए इंदौर कलेक्टर को लोकहित को ध्यान में रखते हुए नए आदेश जारी करने को कहा है।

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याचिकाकर्ता चंचला गुप्ता ने बताया, उनकी ओर से अधिवक्ता अभिनव मल्होत्रा ने पैरवी की थी। उन्होंने बताया कि 20 मई को कलेक्टर मनीष सिंह ने सख्त लॉकडाउन को लेकर आदेश जारी किया था। उन्होंने अचानक से सब कुछ बंद कर दिया था। अगले दिन लोगों की जो पीड़ा सामने आई थी, सभी ओर से जो विरोध के स्वर उठे थे। इसे देखते हुए हमने प्रशासन से मांग की थी कि कुछ ऐसा डिसीजन लें, जिससे छोटे व्यापारी, किराना, सब्जी वालों का काम चल सके।

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