डेटा बैंक बनाया जाएगा
इस सिलसिले में खुले बाजार में उपलब्ध दालों के आंकड़ों का दोहन करना जरूरी था. इसलिए, माननीय उपभोक्ता मामले, खाद्य सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल की मंजूरी के साथ विभाग ने स्टॉकिस्ट, मिल मालिकों, आयातकों डीलरों जैसे विभिन्न भंडार धारकों को किसी भी दी गयी तारीख पर अपने पास मौजूद भंडार की जानकारी देने की खातिर प्रोत्साहित करने के लिए एक पोर्टल तैयार किया है. व्यापारियों, मिल मालिकों, आयातकों, सरकारी एवं निजी स्वामित्व वाले गोदामों के माध्यम से भंडार की घोषणा की मदद से एक डेटा बैंक बनाया जाएगा. इससे सरकार को यह समझने में मदद मिलेगी कि वे कौन से राज्य हैं जो कटाई-पिसाई-पेराई (मिलिंग) आदि उद्देश्यों के लिए उत्पादन भंडारण करते हैं. भंडार संबंधी इस घोषणा उस के रियल-टाइम सत्यापन के माध्यम से जमाखोरी कृत्रिम कमी पैदा करने की अवांछनीय प्रथाओं पर रोक लगाने में भी मदद मिलेगी.
पोर्टल – https://fcainfoweb.nic.in/
डेटा की गोपनीयता बनाए रखी जाती है. राज्य केंद्र सरकार के अलावा किसी भी भंडार धारक द्वारा घोषित डेटा उन्हें दिखाई देगा. डेटा उन्हें किसी भी तारीख को भंडारों की आवाजाही उनके साथ भंडार की मात्रा जानने में मदद करता है. राज्य सरकारें अपने स्वयं के राज्यों से संबंधित विभिन्न हितधारकों द्वारा किए गए पंजीकरण घोषित भंडार की निगरानी कर सकती हैं. यह उनके राज्य में उपलब्ध विभिन्न दालों के भंडार की मात्रा का डेटा देता है. यह किसी विशेष दाल की उपलब्धता में किसी भी अपेक्षित कमी के बारे में भी जानकारी देता है ताकि राज्य सरकार स्थिति के आधार पर आयात के माध्यम से या केंद्रीय बफर के माध्यम से सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर सके.
उपभोक्ता मामले विभाग राष्ट्रीय स्तर पर स्थिति पर नजर रखता है. यह देश भर में किसी विशेष दाल की उपलब्धता में किसी भी अपेक्षित कमी के बारे में भी जानकारी देता है ताकि सरकार तत्काल आयात या निर्यात को प्रतिबंधित करने या स्थिति के आधार पर केंद्रीय बफर में भंडार जारी करने के माध्यम से सुचारू उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर सके. पोर्टल से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर सरकार द्वारा उठाए जाने वाले विभिन्न उपायों से उपभोक्ताओं के लिए सस्ती कीमतों पर दालों की सुगम उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी. -इनपुट पीआईबी