Indore News. किशोरियों को स्वच्छता और सेहत का पाठ पढ़ने के लिए सरकारी स्कूलों में लगाई गई सैनिटरी नैपकिन वेल्डिंग मशीन के बंद होने का मामला इंदौर हाईकोर्ट की खंडपीठ में पहुंच गया। कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि सरकारी स्कूलों में लगाई गई मशीनें बंद क्यों पड़ी है।
जिन स्कूलों में अब तक मशीनें नहीं लगाई गई वहां कब तक लग जाएगी और इसके लिए शासन के पास क्या योजना है। हाईकोर्ट ने शासन से यहां जवाब उस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए मांगा है जिसमें सरकारी स्कूलों में लगाई गई सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन बंद होने का मुद्दा उठाया गया है। याचिका एडवोकेट शन्नो शगुफ्ता खान के माध्यम से दायर हुई है।
जिसमें कहा है कि स्कूल जाने वाली किशोरियों में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों में सैनिटरी नैपकिन वेडिंग मशीनें लगाने की योजना बनाई थी। इसमें व्यवस्था है कि 1 रु. का सिक्का डालकर सेनेटरी नैपकिन प्राप्त किया जा सकता है। सरकार ने स्कूलों में मशीन तो लगाई, लेकिन ज्यादातर मशीनें बंद पड़ी है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्कूलों में मशीनें लगाई नहीं गई। ऐसी स्थिति में स्कूल जाने वाली 11 साल से अधिक उम्र की किशोरियों को कुछ खास दिनों में स्कूल जाने में दिक्कत होती है। सफाई को बढ़ावा देने के लिए लागू की गई योजना शासन की अनदेखी की वजह से दम तोड़ रही है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के तर्क सुनने के बाद शासन को नोटिस जारी कर इस संबंध में जवाब मांगा है मामले में अगली सुनवाई दिसंबर के दूसरे सप्ताह में होगी।