समारोह में पारंपरिक नृत्यों और कलाओं का प्रदर्शन होगा। इसमें मुख्य रूप से बैगा, परधोनी लोक नृत्य एवं बुंदेलखंडी मार्शल आर्ट अखाड़ा की प्रस्तुति होगी। मध्य प्रदेश के मंडला जिले की बैगा जनजाति के प्रमुख नृत्य परधोनी की प्रस्तुति अर्जुन सिंह धुर्वे एवं ग्रुप द्वारा दी जाएगी।
क्या है परधोनी लोक नृत्य
परधोनी लोक नृत्य में दुल्हन के घर में दूल्हा पक्ष द्वारा तीन खटिया का नकली हाथी बनाकर एवं दुल्हन के भाई को उसमें बैठाकर नृत्य किया जाता है। इसमें स्त्री एवं पुरुष दोनों ही भाग लेते हैं। नृत्य में टिमकी, नगाड़ा, बाँसुरी आदि वाद्य यंत्रों का उपयोग किया जाता है। दूसरी प्रस्तुति के रूप में आशीष श्रीवास्तव एवं ग्रुप द्वारा बुंदेलखंडी मार्शल आर्ट प्रस्तुत किया जाएगा। यह अखाड़ा अनादि काल से खेला जा रहा है, जो मध्य प्रदेश के मैहर में स्थित है। इस अखाड़े ने भारत के सभी राज्यों में बड़े-बड़े मंचों पर अपनी छाप छोड़ी है। शौर्य के प्रतीक इस अखाड़े में लाठी, ढाल, तलवार, त्रिशूल आदि हथियारों से एक दूसरे पर प्रहार करते हुए लेझम वाद्य यंत्र बजाकर ढोल की ताल पर नृत्य किया जाएगा।
आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश थीम पर केंद्रित मंडप
आईआईटीएफ 2021 में ‘आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश’ की थीम पर प्रदेश का मंडप बनाया गया है। इसमें प्रदेश की सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम इकाइयों द्वारा स्व–सहायता समूहों, स्टार्ट–अप कारीगरों एवं शिल्पियों के उत्पादों को दर्शाया गया है। साथ ही प्रदेश के पर्यटन, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण, लघु उद्योग निगम, मृगनयनी एंपोरियम, कृषि एवं किसान-कल्याण, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की योजनाओं और कार्यों को भी प्रदर्शित किया गया है। वहीं ‘वोकल फॉर लोकल’ के तहत मंडप में ‘एक जिला-एक उत्पाद’ के तैयार उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है।