MP News – सीधी भर्ती पर रोक लगाने की मांग

sadbhawnapaati
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मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि प्रदेश के 62 विभागों में रिक्त एक लाख से अधिक पदों पर सीधी भर्ती न करते हुए पहले 48000 स्थाई कर्मियों, संविदा कर्मियों, कंप्यूटर ऑपरेटरों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नियमित किया जाए अन्यथा मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।

मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि प्रदेश के शासकीय अर्धशासकीय 62 विभागों में एक लाख से अधिक पद विभिन्न समवर्गों के रिक्त हैं।

उन रिक्त पदों पर नौकरशाही भ्रष्टाचार करने के लिए एवं अपनों को उपकृत करने के लिए सीधी भर्ती कर रही है।

कई विभागों ने तो सीधी भर्ती की विज्ञप्ति भी जारी कर दी है, जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने 10 अप्रैल 2006 को एक बड़ा फैसला देते हुए समस्त प्रदेशों को आदेश दिया था कि विभाग में रिक्त पद पर विभाग में अनियमित रूप से 10 वर्ष से ज्यादा अवधि से कार्यरत कर्मचारी को प्राथमिकता योग्यता एवं वरिष्ठता के आधार पर नियमित नियुक्ति दी जाए। लेकिन प्रदेश की नौकरशाही ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं शासनादेश होने के बावजूद भी 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके पुन: आदेश जारी करके समस्त विभागाध्यक्ष एवं कलेक्टरों को निर्देश दिए थे में रिक्त पदों पर अनियमित कर्मचारियों को विभाग के रिक्त पदों पर नियमित किया जाए लेकिन 62 विभागों में नौकरशाही ने एक भी अनियमित कर्मचारी को नियमित नहीं किया।

इससे प्रदेश के 10-10 साल 20 -20 साल से सेवारत अनियमित कर्मचारियों के अधिकारों का हनन हो रहा है और सर्वोच्च न्यायालय और शासनादेशों का उल्लंघन हो रहा है। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि प्रदेश के 62 विभागों में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों को रिक्त पदों पर तत्काल नियमित नियुक्ति दी जाए, सीधी भर्ती पर रोक लगाई जाए अन्यथा कर्मचारी मंच पुन: प्रांत व्यापी आंदोलन भोपाल में करेगा।

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